Video : बांसवाड़ा : पत्रिका की खबर के बाद चेता प्रशासन, खुलवाया डरावने शौचालय का ताला
जनजाति प्रतिभावान बालक आश्रम छात्रावास के बंद पड़े शौचालय व कमरे का मामला

बांसवाड़ा. जिला मुख्यालय पर जनजाति प्रतिभावान बालक आश्रम छात्रावास में शनिवार को तहसीलदार शांतिलाल जैन ने राजस्थान पत्रिका में समाचार के प्रकाशन के बाद उपखण्ड अधिकारी डॉ. भंवर लाल के निर्देश पर निरीक्षण किया और वर्षों से वहां बने हुए शौचालय का उपयोग नहीं होने और छात्रों को इसमें जाने से डर लगने के कारणों की तहकीकात की। तहसीलदार ने वार्डन से शौचालय का ताला खोलने के लिए कहा लेकिन चाबी नहीं होने से ताले को तोडकऱ शौचालय का दरवाजा खोला गया। इसके बाद तहसीलदार ने पूरे छात्रावास का निरीक्षण भी किया और जानकारी ली।
छात्रों और वार्डन से की बातचीत
तहसीलदार ने छात्रों से इस बारें में बातचीत की तो छात्रों ने कहा कि पूर्व विद्यार्थियों ने बताया था कि इस शौचालय के दरवाजे को नहीं खोलना है। साथ जो भी छात्र शौचालय में जाता है तो दरवाजा बाहर से बंद हो जाता है। इस वजह से यहां रहने वाले छात्र इसका उपयोग नहीं करते हैं। इस पर तहसीलदार जैन ने छात्रों को समझाया कि ऐसी कोई डरने की जरूरत नहीं है और वह बिना डरे इसका उपयोग करें। वार्डन की उपस्थिति में शौचालय का गेट खुलवाया गया काफी समय से उपयोग नहीं होने से शौचालय जर्जर हालत में होने से इसको ठीक करवा कर उपयोग में लेने के निर्देश दिए।
पत्रिका ने उठाया था मामला
छात्रावास में बने शौचालय में डर के मारे छात्रों के नहीं जाने के मामले को पत्रिका ने समाचार पत्र और डिजीटल मीडिया के माध्यम से उठाया था। जिसके बाद प्रशासन ने हरकत में आया और छात्रावास का निरीक्षण कर इस राज को बेपर्दा किया। आधुनिक युग में इस तरह के अंधविश्वास का होना काफी शर्मनाक बात है। गौरतलब है कि छात्रावास में 70 जनजाति विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और सभी के मन में शौचालय में जाने से अनहोनी का भ्रम बैठ गया था। हालांकि पत्रिका की पहल के बाद अब शौचालय का ताला खोल दिया गया है और जर्जर शौचालय की मरम्मत के बाद इसका उपयोग भी किया जाएगा।
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