50 वैरायटी में उपलब्ध
टेडी बियर एवं अन्य खिलौनों के विक्रेता राजकुमार हरियानी बताते हैं कि 10 वर्षों से वे दुकान का संचालन कर रहे हैं। उनके देखते-देखते टेडी की डिमांड बढ़ी ही है। इतने वर्षों में इस प्रकार के कई खिलौने आ चुके, बाजार में तकरीबन 50 ऐसे खिलौने उपलब्ध हैं। नया कार्टून करेक्टर आते ही वैसा सॉफ्ट टॉय बाजार में आ जाता है। लेकिन टेडी बियर का क्रेज भी कायम है। बांसवाड़ा यह 100 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए तक की रेंज में उपलब्ध है। इसे मुम्बई और दिल्ली से मंगवाना पड़ता है।
टेडी बियर एवं अन्य खिलौनों के विक्रेता राजकुमार हरियानी बताते हैं कि 10 वर्षों से वे दुकान का संचालन कर रहे हैं। उनके देखते-देखते टेडी की डिमांड बढ़ी ही है। इतने वर्षों में इस प्रकार के कई खिलौने आ चुके, बाजार में तकरीबन 50 ऐसे खिलौने उपलब्ध हैं। नया कार्टून करेक्टर आते ही वैसा सॉफ्ट टॉय बाजार में आ जाता है। लेकिन टेडी बियर का क्रेज भी कायम है। बांसवाड़ा यह 100 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए तक की रेंज में उपलब्ध है। इसे मुम्बई और दिल्ली से मंगवाना पड़ता है।
बांसवाड़ा में क्रेज
शहर के व्यापारी बताते हैं कि लोग आज भी टेडी की डिमांड करते हैं और रोजाना दो से पांच टेडी बीयर तो बिक ही जाते हैं। यह जरूर है कि शहर में ज्यादा बड़े टेडी का क्रेज नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग इसे पसंद नहीं करते।
शहर के व्यापारी बताते हैं कि लोग आज भी टेडी की डिमांड करते हैं और रोजाना दो से पांच टेडी बीयर तो बिक ही जाते हैं। यह जरूर है कि शहर में ज्यादा बड़े टेडी का क्रेज नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग इसे पसंद नहीं करते।
अमेरिकी राष्ट्रपति के नाम से मिला नाम
टेडी बियर के नाम को लेकर एक रोचक किस्सा यह भी है कि इसका नाम अमेरिका के वर्ष 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रोज़वेल्ट (1901-1909 तक) के नाम पर पड़ा। इन्हें लोग ‘टेडी’ के नाम से भी बुलाते थे। और बियर के शिकार को लेकर जुड़े एक किस्से के बाद ही भालू सरीखे नर्म खिलौना बनाया गया। बताते हैं कि वर्ष 1902 में मॉरिस नामक एक व्यापारी उसकी पत्नी के साथ मिलकर एक टेडी बियर बनाया और थियोडोर से उनका नाम उपयोग करने की अनुमति ली। यह खिलौना लोगों को इतना पसंद आया कि इसने पूरी दुनिया पर धाक जमा ली।
टेडी बियर के नाम को लेकर एक रोचक किस्सा यह भी है कि इसका नाम अमेरिका के वर्ष 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रोज़वेल्ट (1901-1909 तक) के नाम पर पड़ा। इन्हें लोग ‘टेडी’ के नाम से भी बुलाते थे। और बियर के शिकार को लेकर जुड़े एक किस्से के बाद ही भालू सरीखे नर्म खिलौना बनाया गया। बताते हैं कि वर्ष 1902 में मॉरिस नामक एक व्यापारी उसकी पत्नी के साथ मिलकर एक टेडी बियर बनाया और थियोडोर से उनका नाम उपयोग करने की अनुमति ली। यह खिलौना लोगों को इतना पसंद आया कि इसने पूरी दुनिया पर धाक जमा ली।