scriptराजस्थान का यह सरकारी स्कूल जहां 12वीं में सिर्फ 2 छात्रों को पढ़ाने के लिए लगे हैं 2 व्याख्याता और… | The condition of government schools in Rajasthan is not good | Patrika News

राजस्थान का यह सरकारी स्कूल जहां 12वीं में सिर्फ 2 छात्रों को पढ़ाने के लिए लगे हैं 2 व्याख्याता और…

locationबांसवाड़ाPublished: Oct 16, 2019 04:14:55 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

government schools in banswara : कक्षाएं 1 से 12 तक, कमरे पांच, दो व्याख्याता और 15 शिक्षक, स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की संख्या 177

राजस्थान का यह सरकारी स्कूल जहां 12वीं में सिर्फ 2 छात्रों को पढ़ाने के लिए लगे हैं 2 व्याख्याता और...

राजस्थान का यह सरकारी स्कूल जहां 12वीं में सिर्फ 2 छात्रों को पढ़ाने के लिए लगे हैं 2 व्याख्याता और…

गढ़ी/बांसवाड़ा. एक ओर जहां शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में प्रवेश बढ़ाने और बेहतर शिक्षा देने का दावा कर रहा है, वहीं राउमावि झालों का गढ़ा ऐसा स्कूल है, जहां पर क्रमोन्नति के बाद भी न तो बच्चों का प्रवेश हो रहा है और न ही नामांकन बढ़ पा रहा है। स्कूली शिक्षकों की उदासीनता के चलते बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। वहीं विभाग चहेते व्याख्याता व अध्यापक को एक ही जगह लगा लाखों खर्च कर रहा है। जबकि इसका रिजल्ट नामांकन के रूप में नहीं आ रहा है। सत्र 2016-17 तक चार अध्यापकों पर करीब 145 की छात्र संख्या थी। विभाग द्वारा सत्र 2017-18 में स्कूल क्रमोन्नत कर माध्यमिक कर दी। चार ओर नए अध्यापकों को लगाया परन्तु रोल 145 से 165 के करीब ही पहुंच पाया। सत्र 2018-19 में स्कूल 12वीं में क्रमोन्नत कर दिया। विभाग ने 15 शिक्षक लगा दिए। हिन्दी और इतिहास के दो व्याख्याता भी लगाए। फिर भी कक्षा 11वीं में एक भी प्रवेश नया नहीं हो पाया। थक हार के एक प्रवेश कराया वह भी दो साल से पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के नाम।
एक छात्र दो व्याख्याता : – पिछलें सत्र 11वीं में दो व्याख्याताओं ने मिल कर मात्र एक ही छात्र को को पढ़ाया। 12वीं में भी मात्र दो छात्रों के लिए दो साल से दो व्याख्याता लगे हुए है। सरकार इन पर प्रतिमाह करीब एक लाख से ज्यादा रुपए खर्च करती है। वहीं दो पंचायत सहायक के साथ 17 अध्यापक 177 बच्चों को पढ़ा रहे है। इतना स्टाफ होने के बाद भी संस्थाप्रधान पुष्पा शर्मा ने अपने अपने पीईईओ क्षेत्र नयातलाब स्कूल के शिक्षक अभिषेक जैन की प्रतिनियुक्ति झालों का गढ़ा में की, जबकि नयातालाब में छात्रों की संख्या अधिक है।
लेकिन समस्याएं भी खूब : – स्कूल में समस्याएं भी बहुत है। भवन तीन सालों से पूरा नहीं हो रहा है। नए कक्ष, खेल मैदान, लाइब्रेरी रूम, टॉयलेट निर्माण आदि नहीं है। कक्षा 1 से 12 तक के छात्र पांच कमरों में ही पढ़ाई करने के लिए मजबूर है। राउमावि झालों का गढ़ा की संस्थाप्रधान पुष्पा शर्मा ने कहा कि लगातार दो वर्ष में दो बार स्कूल क्रमोन्नत होने के कारण बच्चों की संख्या प्रभावित हुई है और हम नहीं जुटा पाए है। अभी 12वीं में दो ही बच्चे है, लेकिन 11वीं में 10 बच्चे है। हमारा प्रयास है कि जल्द ही नामांकन की संख्या बढ़ाएंगे। भवन निर्माण के लिए कई बार लिखा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो