बांसवाड़ा

बांसवाड़ा : शहर में नहीं थी कोई बड़ी वाटिका, नेमा भोजनशाला में अटल बिहारी वाजपेयी ने पंगत में बैठकर लिया था वागड़ के खाने का स्वाद

www.patrika.com/rajasthan-news

बांसवाड़ाAug 17, 2018 / 11:53 am

Ashish vajpayee

बांसवाड़ा : शहर में नहीं थी कोई बड़ी वाटिका, नेमा भोजनशाला में अटल बिहारी वाजपेयी ने पंगत में बैठकर लिया था वागड़ के खाने का स्वाद

बांसवाड़ा. ‘अटल बिहारी वाजपेयी, जैसा उनका नाम था, वैसे ही वे अपने निर्णय पर अटल, अडिग रहने रहने वाले थे। इसके उपरांत भी उनका व्यक्तित्व काफी सहज और सरल था। उनका जितना ऊंचा कद था, उतना ही वे अपनी पार्टी के छोटे से छोटे कार्यकर्ता और आमजन का सम्मान करते थे। वे दो बार बांसवाड़ा आए और कार्यकर्ताओं से सहज रूप में और पूरे अपनत्व के साथ मुलाकात की। उसकी यादें आज भी लोगों की स्मृतियों में बसी हैं। अटल जी का जिक्र आया नहीं कि उनसे मुलाकात कर चुके लोगों की जुबां से उनके व्यक्तित्व और कृतित्व और आत्मीय भाव के चर्चे फूट पड़ते हैंं। ये लोग एक पंक्ति में अटल के व्यक्तित्व को यूं व्यक्त करते हैं- वे अटल थे, अटल हैं और अटल स्मृतियों में सदा बने रहेंगे।’ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी वागड़ की स्मृतियों पर बांसवाड़ा में जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की शुरुआत के दौर में कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों ने कुछ ऐसी ही भावाभिव्यक्ति व्यक्त की।
पंगत में बैठकर किया भोजन
जनवरी 1985 में बांसवाड़ा में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान शहर में कोई बड़ी वाटिका नहीं थी। भीतरी शहर में नेमा भोजनशाला का भवन था, जिसमें अधिक संख्या में लोग आ सकते थे। ऐसे में भोजन की व्यवस्था भोजनशाला में की गई। जब वाजपेयी पहुंचे तो उन्होंने जमीन पर बैठकर ही भोजन करने की इच्छा जताई। इसके बाद भानुकुमार शास्त्री, श्रीपतराय दवे, उमेश पटियात, भीमसिंह दोसी, रमेश पंवार आदि नेताओं के साथ जमीन पर बैठकर पंगत में भोजन ग्रहण किया।
अटल की सभा में मेटल डिटेक्टर की बीप का खौफ
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहे उमेश पटियात ने कहा कि वाजपेयी के साथ उनकी कई यादें हैं। दो बार उनके साथ रहने का अवसर मिला। एक बार भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन और दूसरी बार 11वीं लोकसभा चुनाव के पहले। उन्होंने बताया कि कुशलबाग मैदान में आमसभा रखी थी। मैदान में प्रवेश के दरवाजों पर एसपीजी ने मेटल डिटेक्टर लगाए थे। पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता तैयारियों में थे। वे मैदान में जमा हो गए, लेकिन बहुत कम संख्या थी। वहीं गांवों से आए लोग मैदान के बाहरी हिस्से में ही घूम रहे थे। इसका कारण मेटल डिटेक्टर से निकलने वाली बीप की आवाज थी। बाद में जब मंच से मेटल डिटेक्टर हटाने की घोषणा कराई गई, तब मैदान में बड़ी संख्या में लोग आए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.