अगले दिन 9 सितंबर की सुबह पीडि़ता छह बजे ड्यूटी करने कारागृह पहुंची तो लक्ष्मण वहीं पर मिला। उस दिन ड्यूटी दस बजे तक थी और महिला बैरक में ही लगाई थी। पीडि़ता ने जेलर से सम्पर्क कर घटनाक्रम बताना चाहा, लेकिन आरोपी लक्ष्मण ने फिर धमकाया। इससे परेशान होकर ड्यूटी के बाद पीडि़ता ने प्रतापगढ़ स्थित अपनी मां को फोन कर बताया कि वह अपने घर आ रही है। इसके बाद जब वह जेल से निकली तो आरोपी लक्ष्मण मोटरसाइकिल लेकर आया और धमकाया। इस दरम्यान लक्ष्मण के साथ सिपाही राजपालसिंह भी था। दोनों ने उसे मोटरसाइकिल पर बैठाने का प्रयास भी किया। इसके बाद दोनों चले गए।
नौ सितंबर को जेल से निकलने के बाद जब पीडि़ता बस स्टैंड पहुंची तो उसे वहां प्रतापगढ़ जिले के धमोत्तर थाना क्षेत्र के बिहारा निवासी सोहनलाल मीणा पुत्र हीरालाल मिला। उसे पीडि़ता परिचित थी। सोहन ने उसे बस में बैठाया और खुद प्रतापगढ़ तक मोटर साइकिल से पहुंचा। प्रतापगढ़ पहुंचने के बाद पीडि़ता को भाई घर लेकर गया। वहां उसने मां को घटनाक्रम बताया। इसके बाद मंगलवार को बांसवाड़ा आकर थाने में रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में आरोपी लक्ष्मण पर दो दिनों तक पीडि़ता को धमकाने, थाने में रिपोर्ट देने व अन्य किसी से चर्चा करने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। आंजना ने बताया कि पीडि़ता की रिपोर्ट पर जेल प्रहरी लक्ष्मणलाल पुत्र वाला मीणा व दोनों महिला जेल प्रहरी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
पीडि़त महिला प्रहरी नौ सितंबर को ड्यूटी के बाद से बिना बताए नदारद हैं। उससे बातचीत के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जेल में चार महिला प्रहरी हैं, जिनके आवास सहित अन्य व्यवस्थाएं पृथक से है। आरोपी प्रहरी से पुलिस स्तर पर पूछताछ की जा रही हैं।
मोहनलाल मीणा, जेलर, जिला कारागृह बांसवाड़ा