पटियात बताते हैं कि आडवानी के मंच पर पहुंचने पर संचालन का जिम्मा विहिप नगर अध्यक्ष पन्नालाल नागर के पास था। आडवानी के साथ आए कई नेताओं को वह नहीं जानते थे। मैं पीछे खड़ा नाम बोलता गया और वे माइक से बोलते रहे। यहां मध्यप्रदेश की वरिष्ठ भाजपा सदस्य राधा बहन भी पहुंची। उन्होंने आडवानी के भाषण से पहले उनसे उन्हें पुष्पमाला भेंट की। सभा के बाद आडवानी के साथ गाड़ी में प्रतापगढ़ तक गया। पटियात ने शिला पूजन के संबंध में बताया कि शहर व गांव-गांव में राम शिला पूजन को लोग उमड़ते थे।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओम पालीवाल भी उन दिनों अयोध्या में ही थे। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा से कारसेवक रवाना हुए तो शहर भर में जत्थे का स्वागत हुआ। दो बसों से रतलाम पहुंचे। वहां से अवध एक्सप्रेस से लखनऊ व फिर फैजाबाद होते हुए अयोध्या पहुंचे। सात दिसम्बर तक वहां रहे। पूरी टीम साथ गई और साथ रतलाम लौटी। वहां अन्य कारसेवक भी मिले। कारसेवकों के पहुंचने पर रतलाम कलक्टर आए। कारसेवकों को रोडवेज की दो बसों में बिठाकर पुलिस जाब्ते के साथ दानपुर पहुंचाया। दानपुर से राजस्थान पुलिस की सुरक्षा में बांसवाड़ा आए। अस्थायी मंदिर बना उस समय सामग्री लाने के लिए कारसेवकों की लाइन लगी थी, जिसमें उनके सहित बांसवाड़ा से गए कई कारसेवकों को भी निर्माण में सहभागी बनने का अवसर मिला।