scriptअयोध्या राम मंदिर आंदोलन की अलख जगाने बांसवाड़ा भी पहुंची थी रथयात्रा, आडवानी के नेतृत्व में राममय हो गया था शहर | The rathyatra of Ayodhya Ram temple movement was also reached Banswara | Patrika News

अयोध्या राम मंदिर आंदोलन की अलख जगाने बांसवाड़ा भी पहुंची थी रथयात्रा, आडवानी के नेतृत्व में राममय हो गया था शहर

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 06, 2020 03:51:54 pm

Ayodhya Ram Mandir Bhoomi Poojan, LK Advani In Rajasthan, Lal Krishna Adwani In Banswara : कुशलबाग मैदान में हुई थी आडवानी की सभा, प्रमोद महाजन सहित बड़े नेता आए थे साथ

अयोध्या राम मंदिर आंदोलन की अलख जगाने बांसवाड़ा भी पहुंची थी रथयात्रा, आडवानी के नेतृत्व में राममय हो गया था शहर

अयोध्या राम मंदिर आंदोलन की अलख जगाने बांसवाड़ा भी पहुंची थी रथयात्रा, आडवानी के नेतृत्व में राममय हो गया था शहर

बांसवाड़ा. ‘अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन से जन-जन से जोडऩे में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी की अहम भूमिका रही। सोमनाथ से निकली रथयात्रा बांसवाड़ा भी पहुंची थी। उस दिन कुशलबाग मैदान में उनकी सभा हुई थी। रथयात्रा के पहुंचने पर पूरा शहर राममय हो गया था।’ आडवानी की रथयात्रा के बांसवाड़ा पहुंचने के संस्मरणों से अवगत कराते हुए नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष उमेश पटियात ने ‘राजस्थान पत्रिका’ को बताया कि रथयात्रा में प्रमोद महाजन, रामदास अग्रवाल, ललित किशोर चतुर्वेदी, विजयसिंह झाला आदि थे। महाजन मंच पर नहीं आए। मंच पर विहिप जिलाध्यक्ष गढ़ी राव इंद्रजीतसिंह भी थे। जबरदस्त माहौल था। हम व्यवस्था ही नहीं कर पाए, इतने लोग आए। एक रुपया भी बस या गाड़ी के लिए खर्च नहीं किया। लोग स्वत: ही अपने पैसों से आए। संघ विहिप की व्यवस्था भी तदनुरूप थी।
प्रतापगढ़ तक साथ
पटियात बताते हैं कि आडवानी के मंच पर पहुंचने पर संचालन का जिम्मा विहिप नगर अध्यक्ष पन्नालाल नागर के पास था। आडवानी के साथ आए कई नेताओं को वह नहीं जानते थे। मैं पीछे खड़ा नाम बोलता गया और वे माइक से बोलते रहे। यहां मध्यप्रदेश की वरिष्ठ भाजपा सदस्य राधा बहन भी पहुंची। उन्होंने आडवानी के भाषण से पहले उनसे उन्हें पुष्पमाला भेंट की। सभा के बाद आडवानी के साथ गाड़ी में प्रतापगढ़ तक गया। पटियात ने शिला पूजन के संबंध में बताया कि शहर व गांव-गांव में राम शिला पूजन को लोग उमड़ते थे।
दो बसों से पहुंचे
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओम पालीवाल भी उन दिनों अयोध्या में ही थे। उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा से कारसेवक रवाना हुए तो शहर भर में जत्थे का स्वागत हुआ। दो बसों से रतलाम पहुंचे। वहां से अवध एक्सप्रेस से लखनऊ व फिर फैजाबाद होते हुए अयोध्या पहुंचे। सात दिसम्बर तक वहां रहे। पूरी टीम साथ गई और साथ रतलाम लौटी। वहां अन्य कारसेवक भी मिले। कारसेवकों के पहुंचने पर रतलाम कलक्टर आए। कारसेवकों को रोडवेज की दो बसों में बिठाकर पुलिस जाब्ते के साथ दानपुर पहुंचाया। दानपुर से राजस्थान पुलिस की सुरक्षा में बांसवाड़ा आए। अस्थायी मंदिर बना उस समय सामग्री लाने के लिए कारसेवकों की लाइन लगी थी, जिसमें उनके सहित बांसवाड़ा से गए कई कारसेवकों को भी निर्माण में सहभागी बनने का अवसर मिला।
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