हैड कांस्टेबल सुरेन्द्र ने बताया कि किड्स वे स्कूल की छुट्टी के बाद चार पहिया टैम्पो बच्चों को उनके घर छोडऩे के लिए जा रहा था। हादसे में सात वर्षीय हनिका पुत्री दिनेश पाटीदार, दस वर्षीय भावेश पुत्र नागजी तथा सात वर्षीय वीरेन्द्र पुत्र प्रकाश बामनिया घायल हुए।
दुर्घटनाग्रस्त टैम्पो के फिटनेस आदि की जानकारी तत्काल नहीं मिल पाई लेकिन हादसे से वाहनों के संचालन में नियमो की अनदेखी का मसला फिर चर्चा में आ गया। परिवहन विभाग की ओर से किए जा रहे फिटनेस पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बांसवाड़ा में बच्चों से भरे हुए वाहनों के पलटने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी बांसवाड़ा में कई हादसे हुए हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग से लेकर प्रशासन स्तर पर किसी तरह के ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। टैम्पों में बेहिसाब बच्चों को भरा जाता है और अनियंत्रित तरीके से मुख्य सडक़ मार्गों पर दौड़ते हैं। जानकारों के अनुसार चलते हुए वाहन का अचानक स्टेयरिंग फेल होने का मतलब है वाहन का ठीक तरह से रख रखाव नहीं किया जा रहा है। फिटनेस भी नहीं देखी जा रही है।
पुलिस के अनुसार काफी देर मशक्कत करने के बाद टैम्पो को नाले से बाहर निकाला। कई ग्रामीणों की मदद से एक टै्रक्टर से बांधने के बाद नाले से टैम्पो को बाहर निकाला गया। इस हादासे की सूचना से कई बच्चों के परिजन भी वहां पहुंच गए थे, जिन्होंने हाथों हाथ अपने बच्चों संभाल लिया।