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बांसवाड़ा: वो लहरों से लड़ते रहे और प्रशासन ताली बजाता रहा..

locationबांसवाड़ाPublished: Jan 10, 2019 12:54:50 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

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बांसवाड़ा: वो लहरों से लड़ते रहे और प्रशासन ताली बजाता रहा..

वरुण भट्ट. बांसवाड़ा. माही बेक वाटर की अथाह जल राशि की लहरों पर सवारी। युवक युवतियों में जोश था, जीत हासिल करने का जुनून था, सो उनका दिल दिमाग उसी तरफ लगा था, लेकिन प्रशासन भी वाहवाही लूटने और खुशी में ऐसा मग्न हुआ कि वह इन युवक युवतियों की सुरक्षा को ही भूला बैठा। सुरक्षा के खतरे के जो हिलोरे साथ उठ रहे थे उन्हें महसूस तक नहीं कर सका। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। बांध में बुधवार को नौकायन प्रतियोगिता के दौरान ये सब हो हुआ। अरथूना-माही महोत्सव के जरिये महाराणा प्रताप सेतु पर माही बेक वाटर क्षेत्र तक लोगों की आवाजाही एवं माही की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने का मकसद से प्रशासन ने नौकायन प्रतियोगिता कराई थी, लेकिन प्रतियोगियों को बिना नियम कानूनों की पालना किए ही बांध के अथाह जल में उतार दिया गया। राजस्थान पत्रिका ने प्रतियोगिता स्थल के हालात का जायजा लिया तो यह सच्चाई सामने आई।
ये नजारे थे, प्रशासन भी देख रहा था
आमतौर पर बेकवाटर क्षेत्र में आसपास के ग्रामीण आए दिन बिना सुरक्षा इंतजाम के नाव चलाते हैं। मत्स्याखेट जैसी गतिविधियां भी चलती हंै। नौकायन प्रतियोगिता के दौरान जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी सहित प्रशासन के कई अधिकारियों के सामने बगैर लाइफ जैकेट पहने पुरुष एवं महिलाओं ने नौकाएं दौड़ाई। इसके अलावा नावों के परमिट जैसे महत्वपूर्ण पहलू को भी दरकिनार किया गया। नावों की दशा खतरे को बयां कर रही थी। इधर, प्रतियोगिता के दौरान ही बेक वाटर क्षेत्र में कुछ बच्चे भी नाव चलाते दिखाई दिए।
कहां गई सिविल डिफेंस की टीम
प्रशासन की ओर से सिविल डिफेंस की विशेष टीम भी तैयार की गई है, लेकिन प्रतियोगिता के दौरान नहीं दिखाई दी। दक्ष गोताखोर भी नजर नहीं आए। पुलिसकर्मी जरूर तैनात थे, लेकिन वे भी मूकदर्शक की भूमिका में ही थे।
फैक्ट फाइल
पुरुष-महिला दो वर्ग में प्रतियोगिता
30 नावों में प्रति नाव दो-दो प्रतियोगी सवार
करीब सवा पांच सौ मीटर से 1 हजार मीटर तक का सफर।
जरूरी है सुरक्षा
नौकायन प्रतियोगिता में सुरक्षा जरूरी है। भले कोई कितना भी बड़ा तैराक क्यों न हो सुरक्षा व्यवस्थाएं तो होनी ही चाहिए। ये व्यवस्थाएं विकट हालात में मददगार होती हैं।
धनेश्वर मईड़ा, खेल अधिकारी
बिना जांच, लाइसेंस नौकाएं पानी में उतारी
नौकाओं की हमारी ओर से जांच नही की गई है। बगैर लाइसेंस के ही नावों को पानी में उतारा गया था। हालांकि एक साल के लिए लाइसेंस होता हैं, लेकिन इसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है।
अभय मुद्गल, जिला परिवहन अधिकारी, परिवहन विभाग
सुरक्षा पर ध्यान देना था
&नौकायन के दौरान सुरक्षा तो पहली प्राथमिकता है। वैसे जो नाव चला रहे है वे सभी तैरना जानते है, ऐसे में ज्यादा दिक्कत नहीं थी। प्रशासन को आयोजन के साथ ही इन पर भी ध्यान देना चाहिए।
जनक डिंडोर, पूर्व सरपंच नापला
सभी इंतजाम थे
सभी इंतजाम थे मौके पर अधिकारी तो थे ही। साथ में सुरक्षा के अन्य सारे इंतजाम भी मौके पर मौजूद थे।
आशीष गुप्ता, कलक्टर, बांसवाड़ा
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