scriptबांसवाड़ा में भोपों के ढोंग की खुली पोल : हैण्डपंप का पानी शरीर पर छिडक़ा, धागा बांधा और उतर गया कोबरा सांप का जहर | Treatment By Bhopa : Superstition to treat snakebite in Banswara | Patrika News

बांसवाड़ा में भोपों के ढोंग की खुली पोल : हैण्डपंप का पानी शरीर पर छिडक़ा, धागा बांधा और उतर गया कोबरा सांप का जहर

locationबांसवाड़ाPublished: Aug 14, 2019 04:26:03 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

Superstition In Banswara Rajasthan : सर्पदंश के उपचार के नाम पर भोपों के ढोंग की खुली पोल

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बांसवाड़ा में भोपों के ढोंग की खुली पोल : हैण्डपंप का पानी शरीर पर छिडक़ा, धागा बांधा और उतर गया कोबरा सांप का जहर

आशीष बाजपेई/जुगल भट्ट/बांसवाड़ा/ठीकरिया. आदिवासी बहुल जिले में अंधविश्वास कितने गहरी जड़े जमाए हुए है और लोगों को उपचार के नाम पर गुमराह करके उनकी जान से खिलवाड़ करने का जो खेल चल रहा है उसका एक बार फिर पर्दाफाश हुआ है। इस बार भोपे के सर्पदंश के रोगी को ठीक करने के ढोंग- ढकोसले की हकीकत उजागर हुई है। भोपे ने सर्पदंश के उपचार के नाम पर हैण्डपंप का पानी लेकर मंत्र पढ़े फिर वही पानी शरीर पर छिडक़ा, थोड़ा पानी पिलाया, धागा बांधा और ऐसे कर दिया कोबरा के जहर का उपचार। इससे साफ है कि भोपे सर्पदंश के रोगियों की जान से खुलकर खेल रहे हैं, लेकिन उनका बाल भी बांका नहीं हो रहा है। पत्रिका के रिपोर्टरों ने रविवार को ठीकरिया गांव में घुटने के दर्द के उपचार के नाम पर महिला को गुमराह करने और पैसे वसूली का खेल उजागर किया था। मंगलवार को एक और स्टिंग के जरिये सर्पदंश के उपचार के नाम पर चल रहे खेल की कलई खोली। पत्रिका के दो रिपोर्टर कूपड़ा गांव में भोपे के पास पहुंचे और एक रिपोर्टर को सर्पदंश पीडि़त बताकर उपचार करने को कहा। तब भोपे ने उपचार करने के नाम पर जो ढोंग-ढकोसला किया उसे कैमरे में कैद किया। पेश है रिपोट…
बोला भोपा – अस्पताल जाने की भी कोई जरूरत नहीं, हो जाओगे ठीेक
उपचार करने के बाद बातचीत के दौरान भोपे ने कहा वह 40 वर्षों से यह काम कर रहा है। हर दूसरे दिन कोई न कोई सांप काटने से पीडि़त उसके घर आता है। उसने कहा कि अब अस्पताल जाने की कोई जरूरत नहीं। वहां पर जाओगे तो पैसे और ठग लेंगे।
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कोने-कोने में है भोपों की भरमार
बांसवाड़ा जिले के गांव-गांव, ढाणियों-ढाणियों में भोपों की भरमार है। जो बड़े से बड़े रोगों का उपचार करने का दावा करते हैं। और कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जब भोपों के पास से उपचार करा कर अस्पताल पहुंचे पीडि़तों ने दम तोड़ दिया या तबीयत हद से ज्यादा बिगड़ गई। गंभीर से गंभीर मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन की ओर से इन्हें पाबंद करने या इन पर कार्रवाई करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और इसी का खामियाजा है कि भोपों की भरमार है।
घर के बाहर हैण्डपंप का पानी लिया और पढ़े मंत्र
पत्रिका के संवाददाता ने भोपे को बताया कि उसके साथी के पैर में काले और बड़े सांप ने काट लिया। यह सुनकर भोपे ने निश्चिंत भाव से कहा घबराओ नहीं सब ठीक हो जाएगा। इसके बाद भोपा घर से एक लोटा लेकर बाहर निकला और पास ही हैंडपंप का पानी भरा, सूर्य के विपरीत दिशा में कुछ मंत्र पढ़े और एक धागे के टुकड़े में कई सारी गांठें बांधकर फिर घर आया और रिपोर्टर के सिर से पांव तक पानी डाला। पानी पिलाया, धागा बांधा इसके बाद रिपोर्टर को उसने थोड़ी देर आराम से बैठने की बात कहते हुए कहा कि कुछ देर में सही होने लगेगा। उपचार के बाद भोपे ने 80 रुपए की डिमांड की और बतायाकि वो इन्हीं पैसों से नारियल लाकर चढ़ाएगा। भोपे ने कहा कि वह सभी प्रकार के जहरीले जानवरों के काटने का इलाज करता है फिर चाहे सांप का जहर हो या कुत्ते का। इसके अलावा भी वो गठिया, मिर्गी और अन्य कई प्रकार के उपचार करता है।
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