सीआई देवीलाल ने बताया कि चित्तौडगढ़़ जिले के बांसी हाल अपने पिता के घर घाटोल में रह रही अनिशा ने अपने पति बांसी निवासी फिरोज पुत्र फिदा हुसैन सहित छह जनों के खिलाफ दहेज प्रताडऩा ( dowry case ) और तीन तलाक ( Triple Talaq ) देने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दी। दोनों पक्षों के मध्य कई वर्षों से विवाद चल रहा है। इसके चलते विवाहिता अपने पीहर में ही रह रही है। पूर्व में अनिशा ने 2015 में प्रकरण दर्ज कराया था। इसके बाद वर्ष 2017 में ससुराल पक्ष पर उसे जबरने उठा ले जाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई। नई शिकायत में विवाहिता ने बताया कि उसका पति हाल ही कुवैत से आया। इस पर वह अपना सामान लेने ससुराल गई। उसी समय उसके पति ने तीन बार तलाक बोला। सीआई ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में ससुराल पक्ष का कहना है कि अनिशा को वर्ष 2017 में ही तलाक दे दिया गया था। हालांकि अब नई शिकायत पर पुलिस ने नए कानून ( triple talaq law ) के साथ दहेज प्रताडऩा और अमानत में खयानत करने के आरोप में केस दर्ज किया है। प्रकरण में आगे अनुसंधान जारी है। गौरतलब है कि तीन तलाक देने का एक मामला पिछले दिनों जिले में सामने आ चुका है। इसके बाद अब खमेरा क्षेत्र से ऐसा केस आया है।
नए महिला अधिकार संरक्षण कानून 2019 ( Muslim Women Protection of Rights on Marriage Bill 2019 ) के मुताबिक एक समय में तीन तलाक देना अपराध है। इसमें पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी। बिना पीडि़त महिला का पक्ष सुने तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं मिल पाएगी। तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण का खर्चा मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा। इस कानून में तीन साल की सजा का प्रावधान है।