गौरतलब है कि परिषद की राजस्व शाखा ने इससे पहले संबंधित फर्मों-प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए थे। फिर तवज्जो नहीं देने पर अजमेर डिस्कॉम, उसकी सेवा प्रदाता फर्म सिक्योर और पुलिस की मदद से कार्रवाइयां शुरू की। इस बारे में परिषद के राजस्व निरीक्षक देवेंद्रपालसिंह चौहान ने बताया कि बुधवार को कार्रवाई के लिए निकलने पर कुछ कारोबारियों ने रियलाइजेशन के तहत चैक सौंपे, वहीं २० जनों ने मोटी रकम की बाकियात के मद्देनजर ब्लैंक चैक देते हुए मोहलत मांगी। इसके दीगर, कॉलेज रोड पर एक पेट्रोल पंप पर २०१७ के बाद से नगरीय विकास कर नहीं देने पर कनेक्शन काटने की कार्रवाई की गई। एक अन्य कार्रवाई दाहोद रोड स्थित हनुमान स्टोन पर की गई, जिसका करीब एक लाख रुपए कर बकाया था। गौरतलब है कि नगर परिषद 85 लाख की बाकियात होने से वसूली को लेकर एक्शन में आई। इससे तीन दिन में करीब 35 लाख रुपए राजस्व हासिल करने में सफलता मिली है।
पेट्रोल पंपों पर कंपनी और डीलर का पेंच इस बीच, जिस पेट्रोल पंप की करीब ढाई लाख की बाकियात को लेकर टीम गई, वहां भुगतान को लेकर कंपनी और डीलर के बीच पेंच सामने आया। डीलर ने यह भुगतान कंपनी की तरफ से होना बताया, तो परिषद की टीम की ओर से भी स्थिति स्पष्ट की गई।