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नोटबंदी के बाद अब आया नया संकट, 200 और 2000 की नोटों ने फिर बैंकों में लगवाई लाइन

locationबांसवाड़ाPublished: May 16, 2018 02:17:42 pm

Submitted by:

Ashish vajpayee

दो हजार और दो सौ के कटे-फटे नोट नहीं बदल रहे बैंक, ग्राहक परेशान, बैंक बता रहे नियमों की अड़चन

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बांसवाड़ा. नोटबंदी के संकट से देश अभी पूरी तरह उबर नहीं पाया है और अब नोटों को लेकर नया संकट सामने आ गया है। ये संकट 200 और 2000 रुपए के नोट को लेकर आया है। किसी कारण से कटे-फटे या गंदे नोट बैंक में बदले नहीं जा रहे हैं। इससे लोग परेशान हैं। दो हजार का नोट 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी के बाद जारी किया गया था, जबकि 200 रुपए का नोट अगस्त 2017 में जारी हुआ था। अब लोग बैंकों में कटे फटे नोट लेकर ला रहे हैं तो बैंक उन्हें जमा नहीं कर रहे हैं। नोटबंदी के बाद सबसे पहले 2000 का नोट जारी किया था जिसके चलते अब इन्ही को लेकर परेशानी सामने आने लगी है, जबकि 200 का नया नोट कुछ ही माह पूर्व प्रचलन में आने से इसकी परेशानी फिलहाल कुछ कम है।
ये है अड़चन
बैंक अधिकारियों के मुताबिक कटे-फटे या गंदे नोटों के बदलने का मामला आरबीआइ नोट रिफं ड रूल्स के तहत आता है जो आरबीआइ एक्ट के सेक्शन 28 का हिस्सा है। इस नियम में 5, 10, 20, 50,100, 500 रुपए के नोटों का जिक्र, लेकिन 200 और 2000 रुपए के नोटों को इसमें जगह नहीं है। सरकार और आरबीआइ ने एक्सचेंज पर लागू होने वाले प्रावधानों में बदलाव नहीं किए हैं, इसके चलते यह परेशानी खड़ी हुई है। यदि प्रावधान में जल्द बदलाव नहीं किया गया तो परेशानी बढ़ेगी।
अधिवक्ता आज न्यायिक कार्यों में नहीं लेंगे हिस्सा
बांसवाड़ा. वागड़-मेवाड़ में होई कोर्ट बैंच की मांग को लेकर बुधवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं आंदोलन संयोजक शांतिलाल चपलोत उदयपुर में आमरण अनशन पर पर बैठेंगे। इस पर बैंच संघर्ष समिति के आह्वान पर यहां जिला अभिभाषक संघ बांसवाड़ा के सदस्य बुधवार को न्यायिक कार्यों में भाग नहीं लेंगे। साथ ही आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए न्यायालय परिसर में एकत्रित होकर नारेबाजी करते हुए रैली निकालेंगे। आंदोलन के विषय को लेकर चर्चा करेंगे। संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह एवं सचिव गौरव उपाध्याय ने बताया कि गत 16 अप्रेल से बांसवाड़ा के अधिवक्तागण भी रोजाना क्रमिक अनशन कर हाई कोर्ट बैंच की मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं।

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