दो किमी का फासला छोड़ नापा खमेरा तक का सफर : – बस में मौजूद यात्री भी उडऩदस्ता प्रभारी टांक की कार्रवाई पर ताज्जुब करते रहे। कारण कि जिन चार सवारी के टिकट परिचालक काटते-काटते रह गया, वे मात्र दो किमी दूर डूंगरिया गांव की थी और गेट के पास ही खड़ी थी। इसके अलावा चार खमेरा की सवारियां पीछे थीं, जिनके टिकट बाद में बनाने थे। उडऩदस्ते ने धरपकड़ में परिचालक को गच्चा देकर तीन टिकट का रिमार्क लगाने की बात कही और जब दस्तावेजी कार्रवाई की, तो उसमें चार सवारी खमेरा तक की 17-17 रुपए टिकट की बता दी।
गड़बड़ी नहीं फिर भी उलझाया, फिर पड़ी दोहरी मार : – बस में बांसवाड़ा तक का सफर करके आए प्रत्यक्षदर्शी यात्रियों के अनुसार परिचालक पंवार ने रास्तेभर कहीं कोई गड़बड़ी नहीं की। सात साल के बच्चे का भी आधा टिकट बनाया। फिर भी फ्लाइंग की चपेट में आ गया और जहां रोका गया, वहां मौका पाकर एक सवारी बगैर पैसे दिए चल पड़ी। फिर एक महिला ऐसी भी बैठी, जिसने टिकट के पैसे नहीं होना बताकर सेनावासा में अपने भाई के लेकर देने की बात की। भरोसे में पंवार ने उसे ले लिया, तो सेनावासा आते ही महिला उतरकर रफूचक्कर हो गई। इससे परिचालक पर दोहरी मार पड़ी।
इलाके में आने से ही इनकार : – दूसरी तरफ, उदयपुर के उडऩदस्ते के प्रभारी टांक से जब पत्रिका ने शाम को बात की, तो नरवाली के पास किसी गाड़ी की जांच से इनकार किया। यही नहीं, उन्होंने बांसवाड़ा में आने से ही इनकार कर खुद को जोधपुर में होना बताया। दूसरी ओर, रोडवेज बांसवाड़ा के सूत्रों ने भी टांक के खमेरा क्षेत्र में ही होने की पुष्टि की।
इनका कहना है… नरवाली के पास चैकिंग के दौरान हुए घटनाक्रम की जानकारी मिली है। इस बारे में एमडी स्तर पर रिपोर्ट कर रहे हैं। जांच और कार्रवाई होगी। पवन बंसलईएम, चैकिंग रोडवेज मुख्यालय जयपुर