सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर आयोजित एक दिन के प्रदेश व्यापी सामूहिक अवकाश के चलते सोमवार को महात्मा गांधी चिकित्सालय सहित जिले के दर्जनों चिकित्सालयों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक भी चिकित्सक नहीं पहुंचे, जिसके चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल सका। वहीं महात्मा गांधी चिकित्सालय में सुबह की ओपीडी में केवल चार चिकित्सक ही पहुंचे, जिसके कारण आउटडोर में मरीजों की लम्बी कतार लगी हुई नजर आई। मौसमी बीमारियों के प्रकोप के चलते इन दिनों चिकित्सालयों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसके बावजूद चिकित्सकों के अवकाश पर चले जाने से मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। जिले में करीब 155 चिकित्सक कार्यरत हैं, इसमें से आधे चिकित्सक भी चिकित्सालय नहीं पहुंचे।
चिकित्सकों के राज्यव्यापी आंदोलन अगस्त क्रांति का आगाज 11 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री को 33 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंप कर किया था। उसके पश्चात चिकित्सक 30 अगस्त को सामूहिक अवकाश पर जा रहे थे, परंतु सरकार ने 15 सितम्बर तक का समय मांगने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। जिलाध्यक्ष डा. दीपक नेमा ने बताया कि सरकार से 4 दौर की वार्ता के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकलने के कारण जिले सभी चिकित्सक इस दौरान सामूहिक अवकाश उतर गए।
चिकित्सकों के राज्यव्यापी आंदोलन अगस्त क्रांति का आगाज 11 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा मंत्री को 33 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंप कर किया था। उसके पश्चात चिकित्सक 30 अगस्त को सामूहिक अवकाश पर जा रहे थे, परंतु सरकार ने 15 सितम्बर तक का समय मांगने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। जिलाध्यक्ष डा. दीपक नेमा ने बताया कि सरकार से 4 दौर की वार्ता के बाद भी कोई निर्णय नहीं निकलने के कारण जिले सभी चिकित्सक इस दौरान सामूहिक अवकाश उतर गए।
आयुष के भरोस मरहम लगाने का जतन जिले के चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने पर विभाग की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष चिकित्सकों की व्यवस्था की गई। अधिकांश सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों आयुष लगाए गए। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था ने होने के कारण लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी एक-एक आयुष की नियुक्ति के बाद भी कई मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा तो कई मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ा।
स्वास्थ्य केंद्रों पर पसरा रहा सन्नाटा चिकित्सकों की हड़ताल के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रोंंऔर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा। जयपुर रोड स्थित खमेरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर न होने के कारण कई मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ा। जिस कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सन्नाटा पसरा रहा। कामोबेश यही हाल पूरे जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर नजर आए।
परतापुर में 22 चिकित्सक हड़ताल पर
परतापुर. खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी परतापुर के अधीनस्थ 22 चिकित्सक आज से हड़ताल पर है। जिससे मरीजो एवम परिजनों को खासकर ग्रामीण अंचल में लोगो को परेशानी हुई। हालाँकि विभाग द्वारा 6 सीएचसी में आयुष चिकित्सको को व्यवस्था के तौर पर लगाया गया है। इधर ब्लॉक के एनआरएचएम कार्मिक भी आज से सामुहिक अवकाश पर चले गए। कार्मिको ने यंहा बीसीएमओ कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक महेंद्र जैन को ब्लॉक सीएमओ के नाम ज्ञापन भी दिया।