एेसे हुई शुरुआत दरअसल, शुक्रवार रात को गांव की महिला घर में सो रही थी। शनिवार सुबह वो सो कर उठी तो उसके सिर पर कुछ बाल गायब थे। यह जानकार वह बेसुध सी हो गई और बीमार पड़ गई। हालांकि इस घटना में महिला के कटे हुए बाल भी नहीं मिले। बस इसके बाद से ही पूरे गांव मेंे खौफ और अंधविश्वास सिर चढक़र बोलने लगा। आश्चर्य यह है कि लोगों को अंध- विश्वास से बचाने के लिए प्रशासनिक अमले में कोई हरकत ही नहीं है।
हां, एेसा सुनने में आया है बड़ी सरवा के सरपंच पति निलेश निनामा ासे जब इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि उन्होंने भी ये बातें सुनी हैं, लेकिन वे अभी गांव नहीं जा पाए हैं।
प्रशासन बेखर एक ओर से प्रधानमंत्री मोदी देश को डिजिटल युग की ओर बढ़ाने के नित नए जतन कर रहे हैं। दूसरी और उनके गृह प्रदेश के पड़ोस में ही अंध विश्वास का खुला खेल चल रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अंधविश्वास के खेल की खबर तक प्रशासन को नहीं पड़ी।