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आसपुर विधायक ने विधानसभा में टीएडी मंत्री पर लगाए आरोप, कहा- जनजाति क्षेत्र के विकास कार्यों की स्वीकृतियां रोकी

locationबांसवाड़ाPublished: Feb 19, 2020 12:48:18 pm

Submitted by:

deendayal sharma

rajasthan assembly – विधानसभा में वागड़ : मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी नहीं मिली एक भी हैंडपंप की स्वीकृति

आसपुर विधायक ने विधानसभा में टीएडी मंत्री पर लगाए आरोप, कहा- जनजाति क्षेत्र के विकास कार्यों की स्वीकृतियां रोकी

आसपुर विधायक ने विधानसभा में टीएडी मंत्री पर लगाए आरोप, कहा- जनजाति क्षेत्र के विकास कार्यों की स्वीकृतियां रोकी

बांसवाड़ा. आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा ने सोमवार को विधानसभा में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री पर विकास कार्यों की स्वीकृतियां रोकने तथा अन्य गंभीर आरोप लगाए। विधानसभा में पर्ची के माध्यम से बोलते हुए मीणा ने कहा कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से पूर्व में जितनी भी स्वीकृतियां जारी हुई थी, वह सारी टीएडी मंत्री ने निरस्त कर दी हैं। हर पंचायत समिति में 48 लाख की लागत से गोविन्द गुरु सामुदायिक भवन स्वीकृत किए गए थे, इनमें हर प्रकार के सामुदायिक कार्यक्रम हो सकते थे, लेकिन स्वीकृतियां रोक दी हैं। मां बाड़ी केंद्र निरस्त कर दिए हैं। जितने विद्यालयों में कक्षा कक्ष स्वीकृत किए थे, वह भी टीएडी विभाग ने रोक दिए हैं।
टेंडर करना बच्चों के साथ खिलवाड : –
विधायक ने कहा कि हॉस्टल के बच्चों को पोषाक के लिए बैंक खाते में पैसा दिया जाता था, उसे भी रोककर टेंडर कराए जा रहे हैं। जो जनजाति बच्चों के साथ खिलवाड़ हैं। सिंचाई सुविधा के लिए स्वीकृत लिफ्ट योजनाएं भी रोक दी है। जनजाति कृषकों को कृषि कनेक्शन के लिए दिए जाने वाले 25 हजार रुपए 14 माह से नहीं दिए गए हैं। एक भी हैंडपंप स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वस्त भी किया था, लेकिन स्वीकृतियां जारी नहीं हुई। मीणा ने कहा कि वागड़ प्रयाग बेणेश्वर धाम पर डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों के छोर पर दो संत मावजी स्वागत द्वार भी स्वीकृत किए गए थे, लेकिन आज तक उनका अता-पता नहीं है।
विधायक ने आरोप लगाया कि टीएडी मंत्री ने हर विधानसभा क्षेत्र में कामों के लिए एक-दो करोड़ की स्वीकृतियां दी हैं, लेकिन यह सभी दलालों को दी गई हैं। जनजाति क्षेत्र के लिए जो पैसा आता है, उसका सदुपयोग हो दुरुपयोग नही। स्वीकृतियों के नाम पर महज मिट्टी फेंकने का काम ही किया। मीणा ने सदन में बताया कि जनजाति क्षेत्र की समस्याओं व मुद्दों पर चर्चा के लिए जनजाति परामर्शदात्री समिति बनी हुई है। इस समिति की पिछले 14 माह में एक भी बैठक नहीं हुई है।
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