यह थी वारदात
एक अक्टूबर की सुबह डडूका से झड़स जाने वाले मार्ग के किनारे जंगल में ओड़ा काजलियापाड़ा निवासी सोमजी (46) पुत्र रामजी भाबोर का खून से लथपथ तथा पत्थरों से कुचला हुआ शव बरामद हुआ। इस पर मृतक के बेटे कमलेश ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ पिता की हत्या करने का प्रकरण दर्ज कराया। इसमें बताया गया कि उसका पिता सोमजी एक अक्टूबर की सुबह अरथूना में मजदूरी का कार्य करने की बोलकर निकले थे, जिसके बाद हत्या की सूचना आई।
एक अक्टूबर की सुबह डडूका से झड़स जाने वाले मार्ग के किनारे जंगल में ओड़ा काजलियापाड़ा निवासी सोमजी (46) पुत्र रामजी भाबोर का खून से लथपथ तथा पत्थरों से कुचला हुआ शव बरामद हुआ। इस पर मृतक के बेटे कमलेश ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ पिता की हत्या करने का प्रकरण दर्ज कराया। इसमें बताया गया कि उसका पिता सोमजी एक अक्टूबर की सुबह अरथूना में मजदूरी का कार्य करने की बोलकर निकले थे, जिसके बाद हत्या की सूचना आई।
प्रेम संबंधों से हुआ शक
पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम शर्मा ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत के निर्देश पर पुलिस कर्मियों की एक टीम का गठन किया गया, जिन्होंने कई तथ्य जुटाए। साथ ही सामने आया कि मृतक सोमजी के उसी गांव की एक विधवा सीता पत्नी बदामी लाल से प्रेम संबंध थे। इसके अलावा सीता के एक और व्यक्ति गोविंदपुरा निवासी कमजी पुत्र लालजी कतीजा से भी प्रेम संबंध होना सामने आया। इससे पुलिस का शक प्रथम दृष्टया इन्हीं पर गया। इसके बाद पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो वारदात खुल गई।
पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम शर्मा ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत के निर्देश पर पुलिस कर्मियों की एक टीम का गठन किया गया, जिन्होंने कई तथ्य जुटाए। साथ ही सामने आया कि मृतक सोमजी के उसी गांव की एक विधवा सीता पत्नी बदामी लाल से प्रेम संबंध थे। इसके अलावा सीता के एक और व्यक्ति गोविंदपुरा निवासी कमजी पुत्र लालजी कतीजा से भी प्रेम संबंध होना सामने आया। इससे पुलिस का शक प्रथम दृष्टया इन्हीं पर गया। इसके बाद पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो वारदात खुल गई।
बहाना बनाकर बुलाया
एक अक्टूबर की शाम सीता ने फोन कर अपने पहले प्रेमी मृतक सोमजी को अरथूना बुलाया, जहां सीता ने कनू को अपना जीजा बताते हुए कहा कि इसका बच्चा बीमार है। झाडफ़ूक करने जाना पड़ेगा। इस पर सोमजी, कनू और सीता के साथ बाइक से चल दिए। तीनों जने झड़स-डडूका के बीच पहुंचे तो वहां कनू ने सोमजी व सीता को बाइक से नीचे उतार दिया व अपने लडक़े को घर छोडकऱ आने का बहाना बनाकर वापस अरथूना आया और कमजी को लेकर वापस आया। इसके बाद तय योजना के अनुसार तीनों ने मिलकर पहले तो सोमजी के साथ मारपीट की। इसके बाद उसके सिर पर ताबड़तोड़ पत्थरों से वार किए। इससे वह नीचे गिर और फिर उसका तोलिए से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया।
एक अक्टूबर की शाम सीता ने फोन कर अपने पहले प्रेमी मृतक सोमजी को अरथूना बुलाया, जहां सीता ने कनू को अपना जीजा बताते हुए कहा कि इसका बच्चा बीमार है। झाडफ़ूक करने जाना पड़ेगा। इस पर सोमजी, कनू और सीता के साथ बाइक से चल दिए। तीनों जने झड़स-डडूका के बीच पहुंचे तो वहां कनू ने सोमजी व सीता को बाइक से नीचे उतार दिया व अपने लडक़े को घर छोडकऱ आने का बहाना बनाकर वापस अरथूना आया और कमजी को लेकर वापस आया। इसके बाद तय योजना के अनुसार तीनों ने मिलकर पहले तो सोमजी के साथ मारपीट की। इसके बाद उसके सिर पर ताबड़तोड़ पत्थरों से वार किए। इससे वह नीचे गिर और फिर उसका तोलिए से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया।
ऐसे रचा हत्या का षड्यंत्र
डिप्टी ने बताया कि मृतक सोमजी के सीता से करीब तीन-चार साल से प्रेम संबंध थे, लेकिन गत करीब एक वर्ष से सीता का परिचय आरोपी कमजी से हुआ तो सीता और कमजी के भी संबंध स्थापित हो गए। सोमजी को जब इस बात की जानकारी हुई तो उसने विरोध किया। इससे सीता व कमजी के प्रेम संबंध के बीच अड़चने उत्पन्न होने लगी। वारदात से दो सप्ताह पूर्व भी अरथूना में मृतक सोमजी व आरोपी कमजी के मध्य तनातनी और विवाद हुआ था। इससे रोषजदा आरोपी कमजी ने एक अक्टूबर को सीता के साथ मिलकर सोमजी की हत्या का षड्यंत्र रचा। इस वारदात में आरोपी कमजी ने अपने रिश्ते के भतीजे कनू को भी शामिल किया।
डिप्टी ने बताया कि मृतक सोमजी के सीता से करीब तीन-चार साल से प्रेम संबंध थे, लेकिन गत करीब एक वर्ष से सीता का परिचय आरोपी कमजी से हुआ तो सीता और कमजी के भी संबंध स्थापित हो गए। सोमजी को जब इस बात की जानकारी हुई तो उसने विरोध किया। इससे सीता व कमजी के प्रेम संबंध के बीच अड़चने उत्पन्न होने लगी। वारदात से दो सप्ताह पूर्व भी अरथूना में मृतक सोमजी व आरोपी कमजी के मध्य तनातनी और विवाद हुआ था। इससे रोषजदा आरोपी कमजी ने एक अक्टूबर को सीता के साथ मिलकर सोमजी की हत्या का षड्यंत्र रचा। इस वारदात में आरोपी कमजी ने अपने रिश्ते के भतीजे कनू को भी शामिल किया।