50 महिलाएं तैयार कर रही मास्क : – घर के रोजमर्रा के कामकाज के बीच 50 महिलाएं इन दिनों मॉस्क बना रही हैं। इन मास्क को बकायदा सेनेटाइज कर वितरित किया जा रहा हैं। अब तक 5 हजार से अधिक मॉस्क वितरित किए जा चुके हैं। मास्क तैयार करने का निर्णय बाजार में इसकी अनुपलब्धता एवं लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया। सरकारी विभागों से भी मास्क के ऑर्डर आने के बाद इसकी उपलब्धता तय की जा रही है। इसके साथ ही प्रति मास्क पांच रुपए के हिसाब से महिलाओं को मानदेय दिया जाता है, ताकि आर्थिक संकट के दौर में उनका भी काम चलता रहे।
स्वरोजगार से जुड़ी महिलाएं : – सखी संस्थान की निदेशक डॉ. निधि जैन ने बताया कि संकट के इस दौरान में संस्थान भी अपने स्तर पर सहयोग कर रहा है। महिलाओं को स्वरोजगार से जोडकऱ उनके सहयोग से मास्क बनाकर कई जगह निशुल्क वितरित किए है। इन महिलाओं को प्रति मॉस्क पांच रुपए के हिसाब से संस्थान मानदेय भी दे रही है, ताकि उनके सामने आर्थिक परेशानी न आए। इन महिलाओं को आगामी समय में प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
सरेड़ी बड़ी में भी महिलाएं आईं आगे : – सरेड़ी बड़ी. आमजन को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से कस्बे की तीन सखियों कविता जोशी, अर्चना जोशी और भावना जोशी ने जरूरतमंद को मास्क देने का बीड़ा उठाया। इसके तहत तीनों ने घर में मास्क बनाने का कार्य शुरू किया। कविता जोशी बताती हैं कि एक मास्क बनाने में तकरीबन दस मिनट का समय लग रहा था और तीनों ने मिलकर 500 मास्क बनाने का लक्ष्य लिया था। दिनभर में 3-4 घंटे कार्य करके भी तकरीबन 300 मास्क ही बन पाए तो इन्होंने पप्पू भाई, सीमा जोशी, दक्षा सुथार, अर्चना रावल, दीक्षिता जोशी, सागरमल दर्जी का भी सहयोग लिया। अर्चना जोशी ने बताया कि वो एक दुकान का संचालन करती हैं लेकिन जब लॉक डाउन हो गया तो पूर्णतया मास्क बनाने की मन बना लिया। भावना जोशी कार्य से बेहद खुश हैं और जल्दी ही सभी मिलकर इस आपदा से निपट लेने का विश्वास व्यक्त करती हैं। मास्क बन जाने के बाद कस्बें के ही युवा कौशिक जोशी को साथ मे लेकर बुधवार को कस्बें की बिखरी बस्तियों में जाकर लोगो को मास्क का नि:शुल्क वितरण किया।