पैदल जाएंगे सैलाना : – जयपुर रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर के समीप से शहर की ओर लौट रहे आठ जनों को खाटूश्याम मंदिर के समीप पुलिसकर्मियों ने रोका। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे रोडवेज की बस से अहमदाबाद से आए हैं। वे सैलाना के निवासी हैं, लेकिन यहां से जाने के लिए अन्य कोई संसाधन नहीं है। इन लोगों में शामिल मनोहरलाल ने बताया कि वे अहमदाबाद में दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। वहां ठेकेदार ने काम बंद कर दिया तो अब घर लौटने की ही मजबूरी है। अपने हाथों में लगी सील दिखाते हुए उसने बताया कि वे इसी के सहारे पैदल ही अपने गांव जाएंगे।
नन्हें बच्चे भी साथ : – अंबेडकर सर्किल के समीप पीपलखूंट तहसील के केलामेला गांव के 18 जने मिले। इनमें चार महिलाएं, तीन नन्हें बच्चे भी थे। सभी वयस्क पाइप लाइन बिछाने का कार्य करते हैं। यह सभी पहले गुजरात रोडवेज से प्रदेश की सीमा तक पहुंचे। इसके बाद राजस्थान रोडवेज की बस से बांसवाड़ा पहुंचे। इनके साथ चल रहे युवक मुकेश ने बताा कि यहां से अपने गांव लौटने के लिए कोई वाहन नहीं चलने के कारण कुछ दूरी तय कर विश्राम करते हुए आगे जाएंगे। वहीं पुराना बस स्टैंड पर भी रोडवेज की बस से यात्री उतरे, जो अहमदाबाद से आए थे। इन्होंने भी गंतव्य के लिए पदयात्रा की।
घर वापसी के लिए सौंपा ज्ञापन : – इधर, भट्ट मेवाड़ा समाज बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर के अध्यक्ष राधेलाल व्यास व सह कोषाध्यक्ष अखिल जोशी ने गुरुवार को कलक्टर को ज्ञापन दिया। इसमें बताया कि मुंबई सहित महाराष्ट्र के विभिन्न शहर में संभाग के कई परिवार चाय आदि की होटलें संचालित करते हैं और परिवार सहित वहीं निवास करते हैं। सभी दैनिक आय पर आश्रित हैं और वर्तमान में काम धंधा ठप हो जाने से वहीं एक ही कमरे में रहने को मजबूर हैं। समाज के ही करीब 1500 लोग संकट की स्थिति में हैं। इन परिवारों की घर वापसी के लिए प्रशासनिक स्तर पर कदम उठाया जाए।