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बांसवाड़ा नगर परिषद सभापति को धमकी देने और अपमानित करने पर तीन युवक नामजद, खस्ताहाल सडक़ को लेकर कर रहे थे विरोध

locationबांसवाड़ाPublished: Sep 24, 2018 02:43:16 pm

Submitted by:

Varun Bhatt

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बांसवाड़ा नगर परिषद सभापति को धमकी देने और अपमानित करने पर तीन युवक नामजद, खस्ताहाल सडक़ को लेकर कर रहे थे विरोध

बांसवाड़ा. बांसवाड़ा नगर परिषद की सभापति मंजूबाला पुरोहित के घर में घुसकर अपमानित करने एवं धमकी देने के आरोप में कोतवली थाना पुलिस ने रविवार को छह नामजद सहित दस-पन्द्रह अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार सभापति शहर की वाडिय़ा कॉलोनी निवासी मंजूबाला पत्नी अनिल पुरोहित ने आंगन में घुसकर धमकी देने एवं अपमानित करने के आरोप में अनुराग, रितेश सोमानी तथा विकास कलाल तथा दस पन्द्रह अन्य के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 143, 447 तथा 504 के तहत प्रकरण दर्ज कराया है। रिपोर्ट के अनुसार वारदात शनिवार रात करीब साढ़े दस बजे की है।
आरोपी अनुराग, रितेश तथा विकास सहित अन्य दस पन्द्रह जने सभापति के घर पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर सभापति अपने घर से बाहर बरामदे में आई। तभी लोगों ने कहा कि कल शहर में गणेश प्रतिमा विशर्जन शोभायात्रा निकलनी है और शहर की सडक़ें खस्ताहाल हैं। ऐसे में कैसे यात्रा निकलेगी। यह कहते हुए आरोपी नारेबाजी करते हुए बरामद तक पहुंच गए। सभापति ने उनसे कहा कि सडक़ों की मरम्मत आज होने वाली थी, लेकिन बारिश से संभव नहीं हो सका। रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद भी लोग आंगन में घुसकर नारेबाजी करते हुए सभापति को अपमानित करने लगे। पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही है।
राज्यमंत्री और सभापति के खिलाफ नारेबाजी
गणेश प्रतिमा विसर्जन यात्रा के मार्ग की खस्ता हालत को लेकर रविवार को श्रद्धालुओं का आक्रोश फूट पड़ा और आजाद चौक में राज्यमंत्री धनसिंह रावत एवं सभापति मंजूबाला पुरोहित के खिलाफ काफी देर तक जमकर नारेबाजी की। लोगों ने अधिकारियों एवं नेताओं को भी कोसा। श्रद्धालुओं ने बताया कि यात्रा मार्ग अस्पताल चौरहे के पास त्र्यम्बकेश्वर महादेव मंदिर से लेकर पुराना बस स्टेण्ड, पाला रोड, डायलाब मार्ग पर बाशि की वजह से गड्ढे ही गड्ढे हैं। गणेश प्रतिमा विसर्जन की शोभायात्रा होने के बावजूद दुरुस्त नहीं किया गया। इससे शोभायात्रा को इन्हीं गड्ढों के बीच से लेकर जाना पड़ा। श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। सर्वाधिक परेशानी उन श्रद्धालुओं को हुई, जो पैदल अपनी मूर्ति को विसर्जन के लिए लेकर निकले।
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