घायल के चचेरे भाई राजेश ने बताया कि कालू मकान बनाने के लिए पत्थर निकालने गया था। उसके खेत में पत्थरों का टीला है। जिसे तोडऩे की फिराक में था। कालू का कहना था कि खेत के पत्थर तोडऩे से मकान बनाने के लिए भी पत्थर मिल जाएगा और खेत से भी पत्थर हट जाएगा। ऐसा करने से परिजनों ने रोका लेकिन वह पत्थर तोडऩे के लिए गुरुवार तकरीबन 11 बजे चला गया। राजेश ने बताया कि कालू ने पत्थर तोडऩे के लिए बारूद लगाया और लेकिन उसे सही तरह से रख नहीं पाया। बारुद फटने ही वाला था और उसने हाथ लगा दिया। ऐसे उसके हाथ के पास ही बारुद फट गया और पत्थर उसके हाथों पर आ गिरे। इससे उसे दोहरी चोट लगी।