जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एके वर्मा ने बताया कि टीबी रोगी खोजी अभियान शुरू किया गया है जो 26 जनवरी के मध्य चलेगा। इस अभियान को तीन चरण में बांटा गया है। जिसमें पहला फेज 26 दिसम्बर से 1 जनवरी के मध्य चला। इसमें टीबी व कोविड 19 के रोगी खोजे गये। यह अभियान जिला कारागार, वृद्धा आश्राम व किशोरी संप्रेक्षण गृह में चला। इसमें टीबी रोगी तो नही मिला लेकिन एक कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वहीं द्वितीय चरण 2 जनवरी से 12 जनवरी के मध्य चला। अभियान के महज 10 दिन में जिले के सभी ब्लाकों के 20 प्रतिशत चिन्हित हाई रिस्क आबादी पूरा करके 2116 संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की गई। इसमें से 72 स्पुटम व 17 एक्सरें जांच पॉजिटिव मिले। इन पाँजिटिव लोगों के इलाज की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इनके लिए डाट्स प्रोवाइडरों की नियुक्ति कर भी दी गई है।
10 दिन में 89 लोगों में हुई टीबी की पुष्टि इस वक्त जिले में सघन टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। दो जनवरी से 12 जनवरी तक चले अभियान में विभाग के 16 चिकित्सा अधिकारी टीबी, 59 सुपरवाइजर व 274 टीमें लगी हुईं हैं जो जनपद की 20 प्रतिशत आबादी यानि लगभग 7,39,579 से अधिक लोगों तक पहुंच रही हैं। बीते 10 दिनों में 89 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई है।
तीसरे चरण में पंजिकरण व इलाज पर जोर क्षय रोगी खोजी अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत बुधवार को की गई है। इसमें प्रमुख रूप से पैथोलाँजी हिन्द मेडिकल कालेज, मेयो मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय पुरूष, जिला महिला चिकित्सालय के सभी विभाग में जाकर केमिस्ट, पैथालाजी लैब, प्राइवेट चिकित्सकों के यहां जाना है तथा उन्हें यह बताना है कि अगर उनके यहां कोई भी क्षय रोग से सम्बन्धित दवा लेने आए, किसी का इलाज चल रहा हो तो वे उनको क्षय रोग कार्यालय में पंजीकृत कराएं। ताकि उन्हें बेहतर दवाएं मिलें तथा उनका इलाज करने के साथ ही उन्हें पोषण भत्ता दिलाया जा सके।
यह लक्षण दिखे तो जरूर करा लें जांच जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर छह प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। इनमें दो सप्ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्का बुखार होना। रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्या है तो अवश्य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्त समय पर इलाज हो जाने से टीबी ठीक हो सकता है।