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अंबेडकर की मूर्ति से छेड़छाड़, ग्रामीणों में काफी गुस्सा, पुलिस के सिपाहियों पर लगाया गंभीर आरोप

locationबाराबंकीPublished: Apr 14, 2018 02:04:43 pm

उत्तर प्रदेश में मूर्तियों से छेड़छाड़ का घटनाक्रम रुकने का नाम नहीं ले रही है।

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बाराबंकी. उत्तर प्रदेश में मूर्तियों से छेड़छाड़ का घटनाक्रम रुकने का नाम नहीं ले रही है। अब यूपी के बाराबंकी में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद से ही पूरे गांव में तनाव की स्थिति बन गई। जिसके बाद माहौल को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया।

मामला बाराबंकी जिले की फतेहपुर तहसील का है। यहां मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के छेदा गांव में डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का हाथ तोड़ दिया गया। इस घटना के बाद से ही पूरे गांव में तनाव की स्थिति बन गई। माहौल को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया। सभी ग्रामीणों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि यहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की है। आपको बता दें कि यूपी में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति टूटने की यह कोई पहली वारदात नहीं है। बीते दिनों ही राज्य के अलग-अलग इलाकों से अंबेडकर की मूति को क्षतिग्रस्त करने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।

ग्रामीणों की अगर मानें तो वह इस घटना के पीछे पुलिस के ही सिपाहियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 14 अप्रैल को यहां कार्यक्रम हैं जिसको लेकर गांव के लोग यहां मिट्टी पाटने का काम कर रहे थे। तभी डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन से जुड़े कार्यक्रम को लेकर यहां पुलिस चौकी से चाभिनाथ यादव और भारद्वाज सिपाही आए और हम लोगों को यहां से खदेड़ दिया। ग्रामीणों आरोप लगाया कि कुछ समय बाद जब हम लोगों ने देखा तो अंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त थी। उनका कहना है कि लोहे की सरिया से मूर्ति के एक हाथ को पूरी तरह से तोड़ दिया गया है। इसके साथ ही मूर्ति के पैर और पीछे भी खरोंच के निशान हैं। ग्रामीणों ने मूर्ति तोड़ने के पीछे शिवकुमार मौर्य, जयपाल मौर्य, राम विजय मिश्र और बीजेपी से जुड़े दिनेश मौर्य को जिम्मेदार ठहराया है। ग्रामीण इस घटना के लिए जिम्मेदार इन सभी लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

वहीं इस घटना से नाराज होकर ग्रामीणों ने घंटों यहां के रास्ता को जाम रखा। जिस पर स्थानीय और दलित समुदाय के लोगों को शांत कराने के लिए कई पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस को शक है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने इलाके में तनाव पैदा करने के लिए प्रतिमा के साछ छेड़छाड़ की है। बाराबंकी के अपर पुलिस अधीक्षक दिगंबर कुशवाहा ने बताया कि पुलिस को यहां मूर्ति के साथ छेड़छाड़ की जानकारी मिली थी। यहां बातचीत करने पर ग्रामीणों ने दो स्थानीय व्यक्तियों पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने मूर्ति के ऊपर हाथ मारा, जिससे मूर्ति कुछ क्षतिग्रस्त हुई है। ग्रामीणों की शिकायत पर रिपोर्ट लिखी जा रही है और बातचीत करके इस पूरे मामले को सुलझा लिया जाएगा। ग्रामीणों के पुलिस के सिपाही द्वारा मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपों पर दिगंबर कुशवाहा ने कहा कि कोई भी पुलिसवाला ऐसी हरकत नहीं करेगा, लेकिन अगर ग्रामीण किसी भी पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं तो उसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बीते दिनों यूपी में मूर्ति तोड़े जाने के अलावा बाबा साहेब की मूर्ति को नीले रंग से भगवा करने और उनके नाम बदले जाने को लेकर भी राजनीति काफी गर्म हो चुकी है। यहां आपको ये बताना भी बेहद जरूरी है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस ने 14 अप्रैल को दलित नेता डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्म दिन से पहले प्रतिमाओं को तोड़े जाने के संभावित प्रयास को लेकर भी पूरे राज्य में चेतावनी जारी की गई थी। उसके बाद भी जिले में पुलिस आलाकमान हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा और शरारती तत्वों ने इस तरह की घटना को अंजाम दे दिया।

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