कैंसर से भी अधिक खतरनाक ग्लैंडर्स ग्लैंडर्स लाइलाज बीमारी है। यह कैंसर से भी अधिक खतरनाक है। इस लाइलाज बीमारी की आशंका पर पूरे प्रदेशभर में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुओं में घोड़ा ऐसा पशु है, जिसमें ग्लैंडर्स या फार्सी रोग जल्दी फैलता है। पूरे प्रदेश से घोड़ों की जांच शुरू कर दी गई है।
बाराबंकी से एक अप्रैल को भेजे थे जांच बताया जा रहा है कि, बाराबंकी से 46 घोड़ों के खून का नमूना एक अप्रैल को हरियाणा भेजा गया था। वहां से आई रिपोर्ट के आधार पर बाराबंकी के पशु चिकित्सालय देवा के खेवली गांव निवासी शैफू के दो घोड़े, फतेहपुर क्षेत्र अरविंद के एक घोड़े व भगौली तीर्थ के मजहर के एक घोड़े में ग्लैंडर्स वायरस की पुष्टि हुई है। यह जांच कुछ संदिग्ध लगने पर पशुपालन विभाग ने दोबारा री-टेस्टिंग के लिए घोड़ों सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। इसके साथ ही बदायूं, कासगंज और मुरादाबाद के पशुओं में ग्लैंडर्स के लक्षण मिले हैं।
यूपी में नहीं है लैब ग्लैंडर्स बीमारी की जांच राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार, हरियाणा में होती है। यूपी में लैब नहीं है।
ग्लैंडर्स बीमारी के लक्षण ग्लैंडर्स बीमारी के लक्षण में त्वचा में फोड़े, नाक के अंदर फटे हुए छाले, तेज बुखार आना, नाक से पीला कनार व खून आना शुरू हो जाता है। सांस लेने में भी तकलीफ और अधिक खांसी आना है। यह बीमारी, मनुष्यों में पशुओं के साथ रहने और चारा डालने के वक्त फैल जाती है।
सैंपल जांच के लिए दोबारा भेजा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बाराबंकी डा. जेएन पांडेय ने बताया कि, ग्लैंडर्स संक्रमण बाराबंकी के चार घोड़ों में पाया गया है। रिपोर्ट कुछ संदिग्ध लग रही है, फिर से जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया है।