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बाराबंकी

समाजसेवी ने बाराबंकी जिला पंचायत की अपर मुख्य अधिकारी पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

बाराबंकी में बगैर योग्यता तैनाती पाने वाली एक अधिकारी हैं अनामिका सिंह जिनके ऊपर बाराबंकी के समाजसेवी कमल सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।

बाराबंकीSep 16, 2017 / 06:19 pm

Abhishek Gupta

Anamika

Anamika

बाराबंकी. कहते हैं सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का, ऐसा ही कुछ पिछली सरकारों में देखा जाता था जहां विधायकों, मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक की लंबी फेहरिस्त थी जो सत्ताधारी दल में किसी न किसी आला हाकिम के बेहद करीबी थे और शायद यही वजह थी कि तैनाती के समय सारे नियम, कायदे, कानून ताक पर रख दिये जाते थे। बाराबंकी में भी बगैर योग्यता तैनाती पाने वाली एक अधिकारी हैं अनामिका सिंह जिनके ऊपर बाराबंकी के समाजसेवी कमल सिंह चंदेल ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
समाजसेवी कमल सिंह चंदेल ने एएमए अनामिका सिंह पर गम्भीर आरोपों का लिखित कच्चा चिट्ठा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी के माध्यम से ज्ञापन के रूप में भेजा है। इस पत्र में कमल सिंह चंदेल ने एएमए अनामिका सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अनामिका सिंह अपने पति की पेंशन, आवास का भत्ता लगातार कई वर्षों से ले रही हैं।
अनामिका सिंह पर यह भी आरोप है कि यह एक बाबू के पद पर थीं, लेकिन खुद को सपा महासचिव रामगोपाल यादव का रिश्तेदार बताकर पिछली सरकार में अपनी हनक दिखाने वाली अनामिका सिंह को रामगोपाल यादव के कहने पर ही नियमों के खिलाफ आदेश जारी कर बाराबंकी के अपर मुख्य अधिकारी पद पर तैनाती दी गयी थी। जबकि अनामिका सिंह को पंचायत राज विभाग के कामों की कोई जानकारी नहीं है।
कमल सिंह चंदेल ने यह भी बताया है कि बाराबंकी के तत्कालीन जिलाधिकारी योगेश्वर राम ने, जो वर्तमान में वाराणसी के जिलाधिकारी हैं, अनामिका सिंह के खिलाफ बाकायदा शासन को डीओ लेटर भी लिखा था। यहीं नहीं कमल सिंह चंदेल ने इस बात की भी जांच कराने की मांग की है कि नियमानुसार शासन से बिना एनओसी प्राप्त किये अनामिका सिंह ने इंग्लैंड की विदेश यात्रा भी की है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ऐसी भ्रष्ट अयोग्य अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए इनके भ्रष्टाचारों की भी उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की हैं।
समाजसेवी कमल सिंह चंदेल के आरोपों का कोई जवाब बाराबंकी की एएमए अनामिका सिंह के पास नहीं है। मीडिया ने जब अनामिका सिंह से उनके ऊपर लगे आरोपों के चलते उनका पक्ष जानना चाहा तो शुरू में तो उन्होंने पहले तो आनाकानी की, मगर बाद में उन्होंने आरोप लगाने वाले समाजसेवी कमल सिंह चंदेल को ही दोषी करार देते हुए पहले समाजसेवी की ही जांच कराने की बात कह डाली ।
बाराबंकी के जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी इस पूरे हाईप्रोफाईल प्रकरण में आरोपों से घिरी एएमए अनामिका सिंह के बारे में एएमए से स्पष्टीकरण मांगने की बात कह कर पल्ला झाड़ते नज़र आ रहे हैं।

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