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पोषण में बाराबंकी का तीसरा स्थान, लाखों कार्यक्रम कर मारी बाजी

locationबाराबंकीPublished: Sep 22, 2020 11:28:01 am

जिले में 4 लाख 50 हजार से अधिक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर पोषण अभियान के नाम दर्ज किया।

पोषण में बाराबंकी का तीसरा स्थान, लाखों कार्यक्रम कर मारी बाजी

पोषण में बाराबंकी का तीसरा स्थान, लाखों कार्यक्रम कर मारी बाजी

बाराबंकी. कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए पोषण माह कार्यक्रम में अब तक बाराबंकी जनपद प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त कर लिया है। यह कार्यक्रम जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में आंगनवाड़ी व आशा कार्यकर्ता के साथ स्वास्थ्य विभाग पंचायती राज तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से पहला अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित और उनकी मॉनिटरिंग करना व दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण अभियान चलाया गया। इसके तहत जिले में 4 लाख 50 हजार से अधिक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर पोषण अभियान के नाम दर्ज किया। इसके तहत जनपद को रैंकिग में तीसरा स्थान मिला। यह जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार ने दी।
उन्होंने बताया जनपद में पोषण माह अभियान पिछले 7 सित्म्बर से जारी है। पोषण अभियान डोर टू डोर चलाया जा रहा है। कोविड 19 गाइडलाइन के तहत आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ताओ द्वारा घर -घर जाकर पोषाहार वितरण करना, नवजात शिशुओं के यहां पहले घंटे के अंदर स्तनपान कराना व शून्य से 3 वर्ष तक के बच्चों का वजन लेना। इसमें बच्चों किशोरियों व महिलाओं में कुपोषण की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना। बच्चों को साबुन से हाथ धुलने,बालों व नाखूनों की सफाई, रसोईघर, बर्तन व खाद्य सामग्री की साफ सफाई के बारे में जागरूक किया गया।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रमों के सफल आयोजनों के लिए जिले की सभी सीडीपीओ, सुपरवाइज़रों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के देखरेख में अति कुपोषित (सैम) एवं कुपोषित (मैम) बच्चों का शीघ्र चिन्हांकन एवं संदर्भन किया। सभी लाभार्थियों को अपने घर में हरी सब्जियों के पौधे लगाने, पोषण बगीचा बनाने समेंत अन्य जरूरी कार्यक्रमों के लिए प्रेरित किया गया।
डीपीओ ने आगे बताया अभियान के दौरान शिक्षा विभाग ने विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में ऑनलाइन पोषण प्रतियोगिता का आयोजन किया । राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की स्वयं सहायता समूह द्वारा पोषण वाटिका तैयार करने एवं पोषण व्यवहारों में परिवर्तन हेतु जन समुदाय को जागरूक करने का कार्य किया। वही बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जनपद में 400 पोषण वाटिका बनाए जाने की कार्यवाही की जा रही है। पंचायती राज विभाग द्वारा पोषण माह में स्वच्छता सफाई पोषण व स्वास्थ्य पर डिजिटल पोषण पंचायत का आयोजन की कार्यवाही प्रस्तावित है। इस प्रकार जन समुदाय के सहयोग से पोषण माह को जन आंदोलन के रूप में मनाये जाने हेतु मा,प्रधानमंत्री जी एवम मा, मुख्यमंत्री जी के आह्वान की दिशा में सार्थक प्रयास हो रहे है।
बच्चों में कुपोषण के संकेत और लक्षण

शिशुओं और बच्चों में कुपोषण के कुछ संकेतों और लक्षणों में थकान और कमजोरी, चिड़चिड़ापन, खराब प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण संक्रमण के प्रति संवेदनशील बढ़ जाती है, सूखी और पपड़ीदार त्वचा, अवरुद्ध विकास, फूला हुआ पेट, घाव, संक्रमण और बीमारी से ठीक होने में लम्बा समय लगना, मांसपेशियों का कम होना, व्यावहारिक और बौद्धिक विकास का धीमा होना, मानसिक कार्यक्षमता में कमी और पाचन समस्याएं आदि।
पौष्टिक आहार से बच्चें रहेंगे स्वस्थ

उन्होंने बताया कि शिशु व बच्चों को चतुरंगी आहार अर्थात लाल सफेद, हरा, पीला रंग के खाद्यान, इसके साथ ही गाढी दाल, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जी स्थानीय मौसमी फल, दूध, दूध से बने उत्पादों को खिलाया जाए। भोजन की मात्रा धीरे धीरे कैसे बढाई जाये। बच्चों में हाने वाली बीमारियों जिनमें डायरिया, निमोनिया, खसरा आदि से बचाव हो सकेगा।

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