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बीएसपी कैंडिडेट को नहीं पता इस साधारण से सवाल का जवाब, सुनकर मायावती भी रह जाएंगी हैरान

locationबाराबंकीPublished: Nov 10, 2017 12:39:52 pm

नामांकन के दौरान बीजेपी प्रत्याशी ने भी जमकर उड़ाई आचार संहिता की धज्जियां…

BJP BSP SP Congress candidate nomination in Barabanki UP Hindi News

बीएसपी कैंडिडेट को नहीं पता इस साधारण से सवाल का जवाब, सुनकर मायावती भी रह जाएंगी हैरान

बाराबंकी. स्थानीय निकाय चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है क्योंकि यूपी में पहली बार नगर निकाय चुनाव पार्टी के सम्बल पर लड़े जा रहे हैं। एक तरफ सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार में हो रहे चुनाव में 2017 जैसा प्रदर्शन दोहराना चाहती है, वहीं समाजवादी पार्टी सहित बसपा व कांग्रेस भाजपा के 6 महीने के कार्यकाल में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर घेरने की कोशिश में नजर आ रही है। गुरुवार को नगर पालिका परिषद समेत सभी निकायों के अध्यक्ष पद पर 60 और सभासद पद पर 300 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। भाजपा, सपा, कांग्रेस व बसपा के घोषित प्रत्याशियों ने जुलूस निकाल कर नामांकन करने पहुंचे।
प्रत्याशी को नहीं पता जमीनी हकीकत

नामांकन के दौरान कई पार्टी के प्रत्याशियों से पत्रकारों ने उनका विजन पूछा। सभी प्रत्याशियों ने जिले के विकास को अपना मुख्य मुद्दा बताया। इनमें से कई प्रत्याशी ऐसे भी थे जिन्हें जिले की जमीनी हकीकत नहीं पता। क्योंकि जिले में नगर पालिका अध्यक्ष की सीट महिला के लिए आरक्षित है इसलिए हर पार्टी से अभी तक अपनी दावेदारी ठोंक रहे नेताओं ने अपनी पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारा है। नेताओं की पत्नियों में कुछ ऐसी भी हैं जो सिर्फ नाम के लिए चुनाव मैदान में हैं। उनके पति अपने धनबल के दबदबे से उनको चुनाव जिताने में लगे हैं।
ऐसे कैसे होगा विकास

कुछ ऐसा ही हाल है बीएसपी प्रत्याशी अनीता गुप्ता का। अनीता गुप्ता के पति पंकज गुप्ता अभी तक खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में थे। लेकिन सीट महिला आरक्षित होने के बाद वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा रहे हैं। नामांकन के दौरान अनीता गुप्ता से जब पूछा गया कि नवाबगंज नगर पालिका में कितने वार्ड हैं, तो वे इस सवाल पर थोड़ा असहज दिखीं। पहले तो वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पाईं लेकिन बाद में जब पीछे से आवाज आई तो उन्होंने इस सवाल का जवाब दिया। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि अगर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को जमीनी हकीकत ही नहीं पता तो उससे इलाके में किस तरह के विकास की उम्मीद की जाए। वहीं दूसरी तरफ यूपी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद मायावती यूपी में निकाय चुनाव के सहारे दोबारा अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही हैं। लेकिन ऐसे प्रत्याशियों के सहारे बीएसपी किस तरह यूपी में वापसी करेगी, इसका जवाब बीएसपी आलाकमान ही दे सकता है।
नहीं है प्रशासन का कोई डर

जिला प्रशाशन स्थानीय निकाय चुनाव में आचार संहिता का अनुपालन करने के लिए पूरी तरह से जहां सख्ती बरत रहा है। जिसके तहत वाहनों का काफिला और जुलूस को पूरी तरह से वर्जित किया गया है। लेकिन राजनीतिक दलों के समर्थक और कुछ कद्दावर निर्दलीय प्रत्याशी आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने से बिल्कुल बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा मालूम होता है कि उनके लिए चुनाव आयोग मजाक बनकर रह गया है। नामांकन के दौरान सत्ताधारी भाजपा आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने में अव्वल नंबर पर रहीं। भाजपा प्रत्याशी शशि श्रीवास्तव अपने पति पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव, सांसद प्रियंका सिंह रावत और जैदपुर विधायक उपेंद्र रावत के साथ नामांकन करने पहुंचीं। इनके साथ वाहनों का लंबा काफिला और लव लश्कर भी दिखा। इस दौरान चुनाव आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। अन्य दलों में बसपा प्रत्याशी अनीता गुप्ता, सपा प्रत्याशी श्रीमती यादव और निर्दलीय प्रत्याशी सुमन सिंह के साथ बसपा के बागी प्रत्याशी ने भी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन में कोई कोर कसर नही छोड़ी और सभी प्रत्याशी एक दूसरे को शक्ति प्रदर्शन दिखाने की होड़ में लगे रहे।
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