मुस्लिम मतदाताओं को धमकी भाजपा नेता अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। यहां तक कि भाजपा नेता यूपी में कराए गए कार्यों का जिक्र न करके अब मुस्लिम मतदाताओं को ही डराने-धमकाने में जुट गए हैं। बाराबंकी में भी BJP के ही चेयरमैन पद की प्रत्याशी शशि श्रीवास्तव के पति और चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने खुलेआम मंच से मुस्लिम मतदाताओं को धमकाया और वोट न देने पर उन्हें परिणाम भुगतने की चेतावनी तक दे डाली।
वोट डालने के लिए बनाया दबाव बाराबंकी के सत्यप्रेमी नगर के राम स्वरूप यादव पार्क में आयोजित नगर निकाय सम्मेलन में बोलते हुए भाजपा प्रत्याशी शशि श्रीवास्तव के पति और पूर्व चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने खुलेआम मंच से मुस्लिम मतदाताओं को धमकाया और धमकाते हुए जागरण वोट डालने के लिए दबाव डाला यही नहीं चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने मुस्लिम मतदाताओं से अपनी पत्नी भाजपा की चेयरमैन प्रत्याशी शशी श्रीवास्तव के पक्ष में वोट न डालने पर अंजाम भुगतने तक की चेतावनी दे डाली।
हमें वोट दोगे तो सुखी रहोगे मंच से बोलते हुए भाजपा प्रत्याशी शशि श्रीवास्तव के पति रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि मैंने पीरबटावन में कहा है यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं है। यहां जाकर अब तुम डीएम-एसपी से अपना काम नहीं करा सकते हो। यहां पर तुम्हारा कोई भी नेता तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता है। सड़क, खड़ंजा नाली यह नगर पालिका का काम है। दूसरी दुख-मुसीबतें भी तुम्हारे ऊपर आ सकती हैं। आज तुम्हारा कोई भी पैरोकार भारतीय जनता पार्टी में नहीं है। अगर हमारे सभासदों को तुमने बगैर भेदभाव चुनाव नहीं जिताया। अगर रंजीत बहादुर की पत्नी को तुमने वोट देकर नहीं जिताया। तो यह दूरी जो तुम बनाने जा रहे हो। यह दूरी अब बनेगी तो समाजवादी पार्टी तुम्हें बचाने नहीं आएगी। भारतीय जनता पार्टी का शासन काल है, जो कष्ट तुमको नहीं झेलने पड़े थे, वे कष्ट तुमको उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए मैं मुसलमानों से कह रहा हूं वोट दे देना। मैं भीख नहीं मांग रहा हूं। वोट दोगे तो सुखी रहोगे और अगर वोट नहीं दोगे तो वो कष्ट झेलोगे।
बबलू श्रीवास्तव को छोड़ने की कर चुके हैं पैरवी बीजेपी नेता और बाराबंकी के निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने अभी हालही में माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव को देशभक्त बताया था और सरकार से उसे छोड़ने की पैरवी की थी। इसके लिए उन्होंने बबलू की कहानी को अरुण नामक किरदार के इर्द-गिर्द रखते हुए ‘बबलू के बढ़ते कदम’ किताब लिखी है। किताब के कवर पर फोटो बबलू का है। किताब में रंजीत ने देश में फैले जाली नोटों और आतंकवाद के नेटवर्क को लेकर कहानी का ताना-बाना बुना है। मुख्य किरदार अरुण इनसे निपटने के लिए एजेंसियों की मदद करता है। भाई साहब नाम का किरदार सरकार से अरुण को छोड़ने की पैरवी करता है, लेकिन सरकार उसे छोड़ने से इनकार कर देती है। आपको बता दें कि बबलू को जब गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पास से अरुण नाम लिखा जाली पासपोर्ट बरामद हुआ था।