बाराबंकी की भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत की एक खबर सुर्खियों में बनी हुई है जिसमें सांसद ने सिरौलीगौसपुर के चेला गांव में अवैध कब्जा हटवाने गए एसडीएम अजय द्विवेदी के साथ अभद्रता की। बड़बोली सांसद ने अपना बचाव करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते उनका कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होना धर्म है। इसमें कोई गलत बात नहीं है। जहां तक अभद्रता की बात है तो एसडीएम वहां उस खेत पर कार्रवाई करने गए थे जिसमें फसल लगी हुई है। मैंने सिर्फ उनसे पैमाइश कराने की बात की। मैं तो खुद अधिकारियों का सम्मान करती हूं।
प्रियंका रावत आज कल एसडीएम से हुई अभद्रता की बात का जवाब दे रही थी। प्रियंका रावत ने कहा कि वहां मैं अकेली नहीं थी तमाम कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे। क्षेत्र के लोग मौजूद थे और जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं भी वहां मौजूद थी इसमें गलत क्या है। मीडिया से अपील करते हुए सांसद ने कहा कि आप लोग भी मौके पर जाकर देखिये तब सच्चाई समझ में आएगी कि एसडीएम आखिर कहां कार्रवाई करने गए थे। जिले में भूमाफियाओं का सरकारी जमीन पर कब्ज़ा है वहां पर यह अधिकारी कार्यवाई क्यों नही करते। आखिर एक गरीब की ज़मीन पर ही कार्रवाई करने क्यों पहुंचे। मैंने तो उनसे पैमाइश करा लेने की बात तो ही की तो वह वहां से चल दिये। इसी पर जनता का आक्रोश हुआ।