सीएम योगी ने तो नहीं बताई, लेकिन बीजेपी की इस सांसद ने उनकी जाति का किया खुलासा…
सीएम योगी ने तो नहीं बताई, लेकिन बीजेपी की इस सांसद ने उनकी जाति का किया खुलासा
बाराबंकी. प्रदेश के कम ही लोग जानते होंगे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किस जाति के हैं। मुख्यमंत्री ने कभी भी अपनी जाति को सार्वजनिक नहीं की बल्कि एक योगी ने एक सन्त की तरह अपने नाम के आगे कभी जाति नहीं लगाई। यहां तक कि मुख्यमंत्री की शपथ लेते समय भी उन्होंने अपने आपको आदित्यनाथ योगी कह कर ही शपथ ली थी। मगर बाराबंकी की भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत जिलाधिकारी बाराबंकी की शिकायत करते समय यह भूल गयीं कि मुख्यमंत्री कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि एक महन्त, एक योगी और एक सन्त हैं, जो जाति व्यवस्था से परे हैं। जिलाधिकारी की शिकायत करते समय शायद सांसद ने एक योगी, सन्त, महन्त की परम्परा को ठेस पहुंचाई है वर्ना योगी से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर रहे अवैद्यनाथ और महन्त दिग्विजय नाथ किस जाति के थे इसका खुलासा कभी नहीं हुआ, मगर सांसद ने सीएम योगी की जाति को सार्वजनिक कर उनकी जाति बताई।
विवाद में रहती हैं प्रियंका सिंह रावत हम बात कर रहे है बाराबंकी से भाजपा सांसद प्रियंका रावत की। प्रियंका सिंह रावत इससे पहले भी अपने बयानों के जरिये विवादों में आ चुकी हैं। इस बार उन्होंने बाराबंकी के जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिलाधिकारी को पैसे का लालची, भ्रष्टाचारी और अकर्मण्य साबित करते हुए उनके खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सांसद ने उन पर विकास कार्यों में रुचि न लेने, सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित गांव की अनदेखी करने, रामलीला मैदान में शौचालय की उनकी मांग पर ध्यान न देने, मूर्ति विसर्जन के दौरान जबरन मूर्ति को रोककर भक्तों पर ही उल्टा कार्रवाई करने और मुकदमा कायम करवाने, अतिक्रमण की अनदेखी किये जाने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री से कार्रवाई करने की मांग की है।
सीएम योगी की क्यों बताई जाति? जिलाधिकारी की शिकायत का पत्र लिखते समय सांसद यह भूल गयीं कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। सार्वजनिक जीवन के साथ मुख्यमंत्री एक योगी भी हैं और गोरक्षपीठ के महन्त भी हैं, जो एक सन्त की जीवनशैली को आत्मसात किये हुए हैं। जो हिन्दू धर्म की जाति व्यवस्था से परे है, वह अपने सम्बोधन में अपनी जाति नहीं जोड़ते। यहां तक कि अपने मुख्यमंत्री के शपथ के दौरान भी उन्होंने अपनी जाति अपने नाम के आगे नहीं जोड़ी। शपथ लेते समय योगी अपने आप को आदित्यनाथ योगी के नाम से संबोधित किया। उन्होंने अपने किसी मंच से अपनी जाति को सार्वजनिक नहीं किया। मगर भाजपा सांसद ने अपने शिकायती पत्र में उन्हें उनकी जाति बताते हुए उन्हें योगी श्री आदित्यनाथ सिंह के नाम से संबोधित किया है। भाजपा सांसद के इस कृत्य से लगता है कि उन्हें न तो भारतीय परम्परा का ज्ञान है और न ही सनातन हिन्दू सन्त परम्परा का।