बाराबंकी

टूटा था बांया लेकिन चढ़ा दिया दांए पैर पर प्लास्टर, पिता से कहा- डॉक्टर मैं हूं, या तुम…

अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही का मामला सामना आया है…

बाराबंकीJan 20, 2018 / 10:58 am

नितिन श्रीवास्तव

टूटा था बांया लेकिन चढ़ा दिया दांए पैर पर प्लास्टर, पिता से कहा- डॉक्टर मैं हूं, या तुम…

बाराबंकी. बाराबंकी के जिला अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही का मामला सामना आया है। यहां एक मासूम बच्चे का बांया पैर टूटने की वजह से उसके परिजन उसे इलाज के लिए लेकर आए थे। लेकिन यहां मासूम के बांए पैर के बजाए दाहिने पैर पर प्लास्टर चढ़ा दिया गया।
 

टूटे पैर की जगह दूसरे में चढ़ाया प्लास्टर

वहीं जब बच्चे के पिता ने दांए पैर पर प्लास्टर देखा तो वह हैरान रह गया। बच्चे के पिता ने डॉक्टर से कहा कि इसका तो बायां टूटा है, लेकिन आपने दाएं पैर पर प्लास्टर चढ़ा दिया है। इस पर जिला अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चे के पिता पर चिल्लाते हुए कहा कि डॉक्टर हम हैं या तुम। तुम यहां से भाग जाओ। मासूम के गलत इताज से आहत उसके परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर की इस घोर लापहवारी की शिकायत सीएमओ रमेश चंद्र से की है।
 

इलाज के लिए लाए थे जिला अस्पताल

दरअसल बाराबंकी के टिकैतनगर थाना क्षेत्र के कस्बा इचौली के रहने वाले अरविंद कुमार मौर्य का 2 साल का बेटा अरनव खेलते समय अचानक गिर गया था। जिससे अरनव के बांए पैर में फैक्चर हो गया था। जिसके बाद अरनव के परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए। घरवाले उसे लेकर आर्थो विभाग की ओपीडी पहुंचे। ओपीडी में ड्यूटी पर डॉ. राजेश श्रीवास्तव थे, उन्होंने बच्चे के बाएं पैर का एक्स-रे कराया। एक्सरे में बच्चे के बाएं पैर में फैक्चर निकला। जिसके बाद डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने उसे दूसरे कमरे में प्लास्टर चढ़ाने के लिए भेजा।
 

डॉक्टर मैं हूं, या तुम…

बच्चे के पिता अरविंद कुमार मौर्य का आरोप है कि उस कमरे में वार्ड बॉय शिव प्रसाद और स्वीपर राकेश बच्चे के दांए पैर में प्लास्टर चढ़ाने लगे। जिसपर मैंने उन्हें बताया कि इसके बांए पैर में फ्रैक्चर है और आप दांए में प्लास्टर चढ़ा रहे हैं। इतने में डॉ. राजेश श्रीवास्तव भी ओपीडी से वहां आ गए। इसके बाद उससे कहा गया कि डॉक्टर हम हैं आप लोग नहीं। इतना कहते हुए बच्चे को कमरे से बाहर निकाल दिया। इसके बाद जब बच्चा बाहर आया तो दांए पैर पर प्लास्टर चढ़ा हुआ था। जब उसने वहां दोबारा बताया की बच्चे के बांए पैर में फ्रैक्चर है, तो उसे भगा दिया। जिसके बाद बच्चे के परिजन उसे लेकर CMO और DM ऑफिस पहुंचे। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
 

डॉक्टर ने कहा- दोबारा होगा इलाज

वहीं इस मामले में जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि अरनव को ओपीडी में देखा था, लेकिन ये ठीक से ध्यान नहीं है कि उसके किस पैर में फ्रैक्चर था। डॉक्टर ने कहा कि हो सकता है कि अस्पताल के कर्मचारियों ने गलती से बच्चे के दूसरे पैर में प्लास्टर चढ़ा दिया हो। बच्चे का प्लास्टर काटकर दोबारा टूटे हुए पैर में प्लास्टर चढ़ाया जाएगा और बच्चे का पूरा इलाज किया जाएगा।
 

जांच के बाद होगी कार्रवाई

वहीं इस मामले में बाराबंकी के सीएमओ डॉक्टर रमेश चंद्र ने बताया कि उन्हें बच्चे के टूटे पैर के बजाए दूसरे पैर में प्लास्टर चढ़ाने की शिकायत मिली है। हम इसकी जांच कराएंगे। अगर इस मामले में डॉक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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