रोके गये कांग्रेसी दरअसल बाराबंकी की तहसील रामसनेही घाट में पिछले दिनों 100 वर्ष पुरानी मस्जिद तोड़े जाने का विवाद अब गर्माता जा रहा है। आज सुबह ही सपा का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिलकर एक ज्ञापन सौंप चुका है। ऐसे में देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस कहां पिछड़ने वाली थी और उसने भी अपना एक प्रतिनिधिमंडल मौके पर भेज दिया, ताकि वहां के लोगों से पार्टी के नेता वार्ता कर सकें। कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल में दिग्गज कांग्रेसी पी.एल. पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व मन्त्री उत्तर प्रदेश नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित स्थानीय नेता भी शामिल थे। लखनऊ से चला यह प्रतिनिधिमंडल रामसनेहीघाट तहसील मं मौके पर पहुंचता उससे पहले ही तैयार बैठे बाराबंकी प्रशासन ने जिला मुख्यालय के करीब ही रोक लिया। कारवां रोके जाने से नाराज कांग्रेसी नेताओं की उपजिलाधिकारी से तीखी बहस भी हुई और उन्होंने मौके पर जाने का भरसक प्रयास किया। मगर प्रशासन ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया और सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर जिला मुख्यालय के एक मैदान में बैठा दिया।
सरकार पर साधा निशाना इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल है। लोग ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और इलाज के आभाव में मर रहे हैं। लोगों का इस सरकार से भरोसा उठ चुका है। इसलिए सरकार धार्मिक विद्वेष फैलाकर, हिन्दू-मुसलमान में बांट कर दोबारा सत्ता हासिल करना चाह रही है। हम चाहते हैं कि पूरे प्रकरण की जांच उच्च न्यायालय की देखरेख में हो और दूध का दूध पानी का पानी हो। हिरासत में लिए जाने से नाराज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम मौके पर जाकर स्थानीय लोगों से वार्ता करना चाह रहे थे, लेकिन प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया। अभी हम वहां जा रहे हैं, जहां प्रशासन लेकर जा रहा है। लेकिन कांग्रेस पार्टी बैठने वाली नहीं है और न्याय की बात करती रहेगी।