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प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़झाला, कागजों पर ही आवंटित कर दिये आवास

locationबाराबंकीPublished: Aug 06, 2018 01:57:59 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि जांच की मामले में जा की रही है…

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प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़झाला, कागजों पर ही आवंटित कर दिये आवास

बाराबंकी. सरकार की कोशिश होती है कि गरीब और असहाय लोगों की मदद करके उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। उनकी रोटी-कपड़ा और मकान संबंधी सभी जरूरतें पूरी करके उनकी मदद की जा सके। सरकार नई-नई योजनाओं को शुरू करके गांव के गरीब और किसानों को सहायता देती है, लेकिन कई गांवों के प्रधान जनता को दरकिनार करके उपना मतलब सीधा करने में लगे रहते हैं और अपनी जेब गर्म करते हैं। ऐसा ही एक मामला बाराबंकी जिले से सामने आया है।
मामला बाराबंकी जिले में बदोसरांय थाना क्षेत्र के राजापुर और मधवापुर गांव का है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गांव में 2010 से अब तक 128 आवास आवंटित किए गए हैं। इसमें कुछ पूरे हैं और कुछ अभी भी अधूरे हैं। सरकारी तंत्र की मिलिभगत के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले इन्हीं आवासों में 6 आवासों का फर्जी तरीके से कागज पर ही आवांटित कर दिया गया। गांव के निवासी निर्मल कुमार सोनी द्वारा सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में भी पांच आवासों को अज्ञात बताया गया है। सेक्रेटरी ने अपनी रिपोर्ट में भी पांच ऐसे मकान दिखाए हैं जबकि गांव में 6 आवास आवंटित किए गए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि इस घपले की जांच की जाए और गांव में आवंटित आवास लोगों को दिए जाएं।
कागजों पर दिखा दिये पक्के घर
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में आवास, राशन कार्ड की बहुत सी समस्या हैं। गांव में बड़े स्तर पर तालाब घोटाला भी हुआ है। गांव के मुन्श्वर प्रसाद वर्मा ने बताया कि आवास जिसको मिलना चाहिए उसे मिला नहीं, जबकि किसी के परिवार में तीन-तीन लोगों को आवास आवंटित कर दिए गए हैं। गांव के गेंद लाल कनौजिया ने बताया कि हम लोग अपने परिवार के साथ झोपड़-पट्टी में रहने को मजबूर हैं लेकिन फिर भी कागजों में हमारे घर को पक्का दिखा दिया गया। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने कई बार राशन कार्ड बनवाने के लिए अपने नाम दिए लेकिन हर बार उनके नाम कटवा दिए जाते हैं।
सीडीओ बोले
मामले में बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि तालाब और आवास को लेकर सारे कागजात मंगवा लिए हैं। तालाब का निर्माण मनरेगा के तहत वित्तीय वर्ष 2010-2011 में हुआ था। इसमें अब तक तीन बार जांच कराई गई। जिसमें निकलकर आया है कि लगभग 50 हजार रुपए का दुदुपयोग हुआ है। जिसमें मनरेगा की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम के तहत कार्रवाई की जा रही है। प्रधान, सेक्रेटरी और रोजगार सेवक दुरुपयोग धनराशि की वसूली की जाएगी और जरूरत पड़ने पर तीनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 तीन-तीन आवासों का आवंटन हुआ है और सभी 6 आवास पूरी तरह से बन चुके हैं। इसलिए प्रधानमंत्री आवास में अभी तक ऐसी कोई अनियमितता सामने नहीं आई है। अगर भविष्य में कोई अनियमितता सामने आती है तो जांच करके कठोर कार्रवाई की जाएगी। 2012 में गांव के प्रधान के ऊपर इसी मामले में हुई एफआईआर के मामले में सीडीओ का कहना है कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है। वे इसकी जांच करवाएंगे।

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