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पुलिसकर्मियों के सुसाइड पर डीजीपी ओपी सिंह का अजीबोगरीब बयान, इस साल भी आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर

locationबाराबंकीPublished: Oct 07, 2018 03:24:23 pm

उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना सरासर गलत…

DGP OP Singh statement on suicide and vivek tiwari murder Barabanki

पुलिसकर्मियों के सुसाइड पर डीजीपी ओपी सिंह का अजीबोगरीब बयान, इस साल भी आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर

बाराबंकी. लगातार पुलिसकर्मियों की आत्महत्या और विवेक तिवारी हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस की खूब किरकिरी हो रही है। यूपी पुलिस के साथ ही राज्य सरकार की भी चारों तरफ अलोचना झेल रही है। हालांकि डीजीपी ओपी सिंह इसकी भरपाई करने की सारी मुमकिन कोशिश करने का दावा भी कर रहे हैं, लेकिन इस बीच आज बाराबंकी पहुंचने पर उन्होंने पुलिसवालों की आत्महत्या पर एक अजीबो गरीब बयान दिया।
आत्महत्या पर अजीबो-गरीब बयान

बाराबंकी पहुंचे डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिसकर्मियों की आत्महत्या को लेकर किए गए सवाल एक अजीबोगरीब बयान दे दिया। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि पिछले रिकॉर्ड के मुताबिक हर साल 10 से 12 पुलिसवाले आत्महत्या करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस साल भी आत्महत्या का ग्राफ बीते सालों के बराबर ही है। अपने इस बयान के बाद डीजीपी साहब सवालों के घेरे में आ सकते हैं। क्योंकि आत्महत्या करने वाले पुलिसवालों की बीते सालों से बराबरी करके कहीं न कहीं वह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं। आपको बता दें कि बीते 30 सितंबर को बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात 2016 बैच की महिला कॉन्स्टेबल मोनिका ने आत्महत्या की थी और सुसाइड नोट में SHO परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद पर मानसिक रूप से परेशान करने के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी को लेकर किए गए सवाल पर डीजीपी ओपी सिंह ने यह बयान दिया।
सिर्फ एक-दो कॉन्स्टेबल हमारे ब्रांड एंबेसडर नहीं

हालांकि डीजीपी ओपी सिंह ने आगे कहा कि केवल नौकरी में तनाव के चलते ही पुलिसकर्मी आत्महत्या नहीं करते। पारिवारिक तनाव भी पुलिसकर्मियों की आत्महत्या की बड़ी वजहों में से एक है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए हमने पुलिस विभाग में काउंसिलिग की व्यवस्था भी की है। वहीं विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर पूछे गए एक सवाल पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि सिर्फ एक-दो कॉन्स्टेबल यूपी पुलिस के ब्रांड एंबेसडर नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि विवेक तिवारी जैसी घटना गलत है और हम सभी को इसका दुख है, लेकिन केवल दो कॉन्स्टेबल के चलते पूरी पुलिस फोर्स को बदनाम करना सरासर गलत है।
 

आरटीसी का किया औचक निरीक्षण

दरअसल उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओमप्रकाश सिंह आज आरटीसी के औचक निरीक्षण के लिए बाराबंकी पहुंचे थे। उन्होंने रंगरूटों की ट्रेनिंग को लेकर जांच पड़ताल की। वहीं लखनऊ से डीजीपी ओपी सिंह के आने की खबर तेजी से फैली और उनके निरीक्षण की जानकारी होते ही रास्ते में कई थानों की पुलिस अलर्ट हो गई। डीजीपी के आने की सूचना पर जिले के सभी थानों की पुलिस फोर्स मुस्तैद दिखी। डीजीपी सीधे बाराबंकी पुलिस लाइन पहुंचे और वहां उनकी अगवानी के लिए तैयार एसपी वीपी श्रीवास्तव ने उनका स्वागत किया। अपने दौरे के दौरान डीजीपी ने जिले के पुलिस अधिकारियों के साथ लाइन में मीटिंग की और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था दुरुस्त रखने और अपराधियों के खिलाफ और सख्ती करने के निर्देश दिए।
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