जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश कुमार चौरसिया ने बताया कि जनपद में खाद एवं रसद विभाग की ओर से कुल 1128 422 किलो गेहूं तथा 3048 64 किलो चावल का आवंटन हुआ है। इसको खाद एवं रसद विभाग द्वारा विभिन्न कोटेदारों के माध्यम से स्वयं सहायता समूह को उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही स्थानीय बाजार से दाल खरीदकर उसकी पैकेजिंग कर आंगनवाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। स्वयं सहायता समूह द्वारा उपलब्ध कराए गए राशन के पैकेट को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 7 माह से 3 वर्ष के बच्चे, गर्भवती धात्री माताएं, 11 से 14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरियों तथा 3 से 6 वर्ष के बच्चों को निर्धारित मानक के अनुसार वितरित किया जा रहा है।
वर्तमान समय में जनपद के चिन्हित लाभार्थी वर्तमान समय जनपद में 7 माह से 3 वर्ष के तक के 182 832 तथा 3 से 6 वर्ष तक के 73 527 गर्भवती व धात्री माताएं 72 हजार 800 किशोरी बालिका है। 2709 तथा अति कुपोषित बच्चे 8721 हैं इस कार्य हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में 1295 स्वयं सहायता समूह को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों में अभी यह कार्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ती को स्वयं कोटेदार से सीधे लेकर करना होगा। अभी जनपद में एक माह का गेहूं चावल और दाल का वितरण लाभार्थी वार किया जायेगा।
लाभार्थियों को कुछ इस तरह किया जायेगा राशन वितरण डीपीओ ने बताया छह माह से तीन वर्ष की आयु के बच्चे को एक किलो चावल, 1.5 किलो गेहूं, 750 ग्राम दाल, स्किम्ड पाउडर एवं हर तीसरे महीने 450 ग्राम देसी घी दिया जाएगा। तीन वर्ष से छह वर्ष की आयु के बच्चों को एक किलो चावल, 1.5 किलो गेहूं और 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर व हर तीसरे महीने 450 ग्राम देसी घी दिया जाएगा। इसी तरह गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं एवं स्कूल न जाने वाली किशोरियों (11 वर्ष से 14 वर्ष तक) को एक किलो चावल, दो किलो गेहूं, 750 ग्राम दालें, 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर, 450 ग्राम देसी घी दिया जाएगा। ऐसे बच्चे जिन्हें अति सुपोषण की जरूरत है उन बच्चों को 1.5 किलो चावल 2.5 किलो गेहूं, 500 ग्राम दालें, 750 ग्राम स्किम्ड मिल्क पाउडर और हर तीसरे महीने 900 ग्राम देसी घी दिया जाएगा।
अलग-अलग रंग की होगी पैकेजिंग डीपीओ ने कहा कि शासन स्तर जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का निर्णय लिया जा चुका है, लेकिन परियोजना स्तर पर इस तरह की प्रणाली को विकसित होने तक पोषाहार के रूप में सूखा राशन (दाल, चावल, गेहूं) व दुग्ध पदार्थ (देशी घी एवं स्किम्ड मिल्क पाउडर) आंगनबाड़ी केन्द्रों से वितरित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व की भांति ही नया सूखा राशन भी कलर कोडेड होगा। गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए पीला, छह माह से तीन वर्ष के बच्चों के लिए आसमानी नीला, तीन वर्ष से छह वर्ष तक के बच्चों के लिए हल्का हरा, किशोरियों के लिए गुलाबी व अति कुपोषित बच्चों के लिए लाल रंग की पैकेजिंग में सूखे राशन का वितरण किया जायेगा।