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खुशखबरी: डीजल से नहीं अब एलपीजी गैस से चलेगा ये इंजन, प्रति घंटे करीब 50 रुपए की होगी बचत

locationबाराबंकीPublished: Jul 06, 2020 05:16:10 pm

किसान का यह नायाब तरीका प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आत्मसात करने का एक कदम माना जा रहा है।

खुशखबरी: डीजल से नहीं अब एलपीजी गैस से चलेगा ये इंजन, प्रति घंटे करीब 50 रुपए की होगी बचत

खुशखबरी: डीजल से नहीं अब एलपीजी गैस से चलेगा ये इंजन, प्रति घंटे करीब 50 रुपए की होगी बचत

बाराबंकी. देश में पिछले कुछ दिनों से डीजल के दामों में बढ़ोतरी से जहां हर मोटर मालिक परेशान है, वहीं किसान भी इससे अछूता नहीं है। इस वक्त धान की रोपाई का समय चल रहा है और खेतों में पानी की जरूरत है। ऐसे में दिन रात पानी के लिए किसान खेतों में इंजन को चला रहा है। जिससे खेती की लागत बढ़ना लाजमी है। वहीं गांव के किसान ने इस समस्या को देखते हुए एक नई तकनीक के इस्तेमाल से किसानों की बढ़ती समस्या का समाधान ही नहीं बल्कि एक नई व्यवस्था का इजाद कर किसानों के खेतों में सिंचाई की लागत को भी कम कर दिया है। किसान का यह नायाब तरीका प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आत्मसात करने का एक कदम माना जा रहा है।

किसानों को दिखाई नई राह

लॉकडाउन 3 के समय प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने का जो मंत्र दिया था उसे बाराबंकी के एक किसान ने आत्मसात कर किसानों को एक नई राह दिखाने का काम किया है। यूपी के बाराबंकी जिले के अंतर्गत विकासखंड सूरतगंज क्षेत्र के झंझरा गांव के एक 42 वर्षीय किसान सर्वेश कुमार वर्मा पुत्र राम प्रकाश ने डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए एक ऐसी तकनीक का इजाद किया है जिसे गांव के लोग ही नहीं बल्कि जो सुनता है, वह उसके द्वारा बनाई गई नई तकनीक को देखने पहुंच जाता है। एक छोटे से गांव में रहने वाले सर्वेश कुमार वर्मा ने डीजल से चलने वाले के पंपिंग सेट को एलपीजी गैस से चलाने की नई तकनीक इजाद की है। जिससे न केवल पैसे की बचत होगी बल्कि पंपिंग सेट से निकलने वाले धुंए से भी निजात मिल गई है।
तकनीक से होगा लाभ

सर्वेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस तकनीक को अपनाने के बाद हमारा बहुत बड़ा लाभ हुआ है। अगर इसी तकनीक का उपयोग हर एक किसान करने लगे तो मेरा मानना है कि हमारे देश का विकास तो होगा ही और हमारे किसान भाइयों के जीवन में खुशियां लौट आएंगी और डीजल की बढ़ती कीमतों की समस्या से निजात मिल सकती है। सर्वेश कुमार वर्मा ने बताया कि इस पंपिंग सेट को एलपीजी गैस से चलाने के लिए जो तरीका गैस चूल्हे की तरह बिल्कुल आसान है। एलपीजी गैस सिलेंडर में जिस प्रकार रेगुलेटर का इस्तेमाल होता है। उसी प्रकार गैस सिलेंडर में लगाकर पंपिंग सेट के स्लेटर में रेगुलेटर में लगे पाइप को लगा कर पंपिंग सेट को स्टार्ट किया जाता है।
धुएं से भी मिलेगी मुक्ति

सर्वेश ने बताया कि इस तकनीक से हमें काफी फायदा मिला है। हमें तकरीबन प्रति घंटे करीब 50 रुपए की बचत हो जाती है। वहीं पंपिंग सेट को गैस द्वारा चलाए जाने से पंपिंग सेट धुंआ भी देना बंद कर देता है। जिससे प्रदूषण फैलने का खतरा भी नहीं होता और पंपिंग सेट से पानी निकलने में कोई कमी भी नहीं होती है। साथ ही हम इस पंपिंग सेट को सिलेंडर और पंपिंग सेट दोनों जगह से तेज धीमा और बंद कर सकते हैं। इस तकनीक में खास बात यह भी है कि अगर पंपिंग सेट का डीजल खत्म भी हो गया तो पंपिंग सेट बंद नहीं होगा वह गैस से भी चलता रहेगा और हम आसानी से अपनी खेती का काम करते रहेंगे।
महंगाई से मिलेगी राहत

सर्वेश कुमार वर्मा ने स्कूली शिक्षा कक्षा 12 तक प्राप्त की है। सर्वेश अपने पिता के दो भाई थे। पिता की मृत्यु के बाद घर की सारी जिम्मेवारी सर्वेश पर आ गई। सर्वेश अपने हिस्से की करीब पांच एकड़ की जमीन पर खेती कर अपने दो बच्चों को बाहर भेज कर पढ़ाई की जिम्मदारियां निभा रहे हैं। सर्वेश कुमार वर्मा का पारिवारिक जीवन बड़ा ही सादा और सरल है। जिनके जीवन की कामयाबी के बारे में पूरे गांव में चर्चा है। वहीं गांव के समाजसेवी अभिलाष वर्मा ने बताया कि हमारे गांव में सर्वेश ने जो तकनीक इजाद की है वह बहुत ही सराहनीय है। जिसके उपयोग से हमें डीजल की इस महंगाई से राहत मिलेगी और इस तकनीक के उपयोग से हमारे देश का विकास होगाl
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