बड़े गड़बड़झाले का खुलासा
मामला मसौली थाना क्षेत्र में स्थित संकट मोचन पंचमुखी श्री हनुमान मंदिर से जुड़ा है। जहां के महंत सत्यनारायणानंद दास उर्फ फलाहारी बाबा को कुछ लोगों ने शेल्टर गौशाला खोलने का प्रस्ताल दिया। उन लोगों ने गौशाला खोलने के बदले में 67 लाख रुपए का अनुदान मिलने की बात बताई। साथ ही 67 लाख के अनुदान के लिए एक फीसदी प्रोसेसिंग फीस भी बाबा से ले गये। फिर कुछ दिन बाद उन्हीं लोगों ने फलाहारी बाबा से बात की और कुछ और लोगों को भी गौशाला खुलवाने के लिए तैयार करने के लिये कहा। लेकिन धीरे-धीरे साजिश का राजफाश हो गया और सभी ने मिलकर इन लोगों को पकड़ आश्रम में ही पकड़ लिया और पुलिस को इनके फर्जीवाड़े के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद बाबा को जगह-जगह से जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।
गौशाला के लिए किया फ्राड
आश्रम में साल 2003 से रह रहे महंत सत्यनारायणानंद दास ने बताया कि घनश्याम और प्रमोद नाम के शख्स उन्हे शेल्टर गौशाला खोलने के लिये कहा और बताया कि इसके लिए 67 लाख रुपए का अनुदान मिलता है। जिसमें से पहली किस्त 35 लाख रुपए की मिलेगी और 1 फीसदी उसका प्रोसेसिंग शुल्क जमा होगा। उसी एक प्रतिशत प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में मैने इन्हें 17 हजार नकद और 50 हजार रुपये की केनरा बैंक की चेक के रूप में दिया। जो घनश्याम ने अपने एसबीआई अकाउंट में डाला और पैसे निकाल लिये। इसके बाद हमें 23 लाख 45 हजार रुपये की चेक दे दी गई। फिर हमें और गौशाला खुलवाने के लिए कहा गया। जिसके बाद मैंने कुछ और लोगों को बुलवाकर बताया और उनसे गौशाला खुलवाने के लिए कहा। लेकिन धीरे-धीरे इनके पूरे फर्जीवाड़े का भांडाफोड़ हो गया और इनको हमने यहीं रोक लिया। जिसकी शिकायत मैंने पुलिस से की तो मुझे फोन पर हत्या करवाने की धमकी मिलने लगी और अब मुझे अपनी जान का खतरा लग रहा है। इसलिए मुझे सुरक्षा दी जाए।
आरोपों को बताया गलत
वहीं आश्रम में पकड़े गए आरोपी घनश्याम श्रीवास्तव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उसने बताया कि उसे किसी चेक के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि उस समय वह बाहर था। इन लोगों ने ऑफिस में जाकर चेक दिया है। उसने बताया कि उसकी जन कल्याण ग्रामोत्थान नाम की सोसायटी है। उसने बताया कि वह आजमगढ़ का रहने वाला है और उसका लखनऊ के जानकीपुरम में भी मकान है। उसने बताया कि उसके साथ 16 से 17 लोग जुड़े हैं और वह सभी लोग गौशाला खोलने की ट्रेनिंग देते हैं। उसने बताया कि उससे ये काम उसकी संस्था के सचिव इंद्र कुमार भारद्वाज करवा रहे हैं, जो दिल्ली में रहते हैं। वह दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में सीनियर कोर्ट असिस्टेंट हैं।