पत्रकारों ने अनुपमा जायसवाल से जब स्कूलों में सरकारी टीचरों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर लगी रोक के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों को चेतावनी दी गई है कि स्कूल में पढ़ाई के समय में अगर कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर सक्रिय पाया गया तो उसकी नौकरी जाएगी। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर आप कब ऑनलाइन हैं और कब ऑफलाइन, ये छिपा नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि स्कूल में पढ़ाई के समय औचक निरीक्षण के दौरान यदि कोई शिक्षक सोशल मीडिया पर सक्रिय मिला तो उसकी नौकरी जाने के लिए इतना ही कारण पर्याप्त होगा। इसकी मॉनिटरिंग को लेकर सरकार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। मंत्री ने इस बात पर भी खुशी जताई कि सभी शिक्षक स्कूल में बच्चों के साथ पढ़ाते हुए अपनी सेल्फी भेजकर उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इसका असर हुआ है और शिक्षक समय से विद्यालय पहुंच रहे हैं।
राज्यमंत्री अमुपमा जायसवाल ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल शुरू किए गए हैं। स्मार्ट कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। सरकारी स्कूलों को संसाधन संपन्न बनाया जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश में अब शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ी है। राज्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुछ वर्षों में हमारी शिक्षा व्यवस्था नए आयाम स्थापित करेगी। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि शिक्षा के महत्व को समझते हुए अपने सभी बच्चों को अनिवार्य रूप से विद्यालय भेजें। वहीं स्कूलों की खराब स्थिति पर मंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार में यह स्थिति पहले से काफी सुधरी है। आगे भी सरकार इस दिशा में काम करके स्कूलों की बिल्डिंग को दुरुस्त कराएगी। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार हो रहा है। आगामी कुछ वर्षों में हमारी शिक्षा व्यवस्था नए आयाम स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शिक्षा से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं है।