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इस दरगाह पर दिखी आपसी भाईचारे की अनोखी मिसाल, हिंदू-मुस्लिमों ने एक साथ खेली फूलों व गुलाल से होली

locationबाराबंकीPublished: Mar 21, 2019 06:37:57 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

देवा शरीफ स्थित सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह शायद देश की पहली दरगाह होगी जहां सभी धर्मों के लोग मिलकर होली के सूफियाना रंगों में सराबोर होते हैं।

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बाराबंकी. देवा शरीफ स्थित सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की दरगाह शायद देश की पहली दरगाह होगी जहां सभी धर्मों के लोग मिलकर होली के सूफियाना रंगों में सराबोर होते हैं। जो रब है, वही राम का संदेश पूरी दुनिया को देने वाले सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की बाराबंकी की मजार पर इस बार भी आपसी सौहार्द के लिए होली में गुलाल की धूम मची। हिंदू-मुस्लिम एक साथ रंग और गुलाल में डूब गए। बाराबंकी का यही बागी और सूफियाना मिजाज होली को दूसरी जगहों से अलग कर देता है।
बाराबंकी की हाजी वारिस अली शाह मजार परिसर में सतरंगी रंगों के साथ खेली जाने वाली फूलों की होली अपने आप में बेमिसाल है। यहां होली में केवल गुलाब के फूल और गुलाल से ही होली खेलने की परंपरा है। कुंतलों फूलों की पांखुड़ियों और गुलाल से यहां हिंदू मुस्लिम ने मिलकर होली खेली। मजार के कौमी एकता गेट पर पुष्प के साथ चाचर का जुलूस निकाला गया और मजार परिसर तक पहुंचा। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के चाहने वाले सभी धर्म के लोग थे। इसलिए हाजी साहब हर वर्ग के त्योहारों में बराबर भागीदारी करते हैं। वह अपने हिंदू शिष्यों के साथ होली खेल कर सूफी पंरपरा का इजहार करते थे। इसीलिए उनके निधन के बाद आज भी यह परंपरा आज जारी है।
हाजी वारिस अली बाबा के शिष्य के मुताबिक बुर्जग बताते थे कि सूफी संत के जिंदा रहने के दौरान ही उनके भक्त उनको होली के दिन गुलाल और गुलाब के फूल भेंट करने के लिए आते थे। इस दौरान ही उनके साथ श्रद्धालु होली खेलते थे। वहीं मजार पर दूर-दूर से होली खेलने श्रद्धालुओं की मानें तो आज भले ही हाजी साहब दुनिया में नहीं हैं पर देश को आज भी आपसी सौहार्द की बेहद जरूरत है। इसको बनाए रखने के लिए ही वह अपने साथियों के साथ यह जश्न मनाते हैं।
पीएल पुनिया ने दिया बयान-

वहीं हाजी वारिस अली शाह की मजार पर पहुंचे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया ने बताया कि यहां की होली आपसी भाईचारा का संदेश देती है। यहां की होली इन लोगों के लिए करारा जवाब है जो समाज को बांटने का काम करते हैं। यह देश का पहला ऐसा पवित्र स्थान है, जहां सभी धर्म के लोग आते हैं और पूरे हिंदुस्तान के लिए शांति और सद्भाव का संदेश लेकर यहां से जाते हैं। वहीं बाराबंकी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया ने कहा कि यहां आकर एक साथ तमाम लोगों के साथ होली खेलने का मौका मिलता है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर तनुज ने कहा कि वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे और अपने क्षेत्र में युवाओं के लिए काम करेंगे।
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