शुरू हुई गिरफ्तारी बाराबंकी में किसानों के साथ किसान सम्मान निधि में भ्रष्टाचार की खबर जब से मीडिया की सुर्खियां बनी तबसे प्रशासन में हड़कम्प मच गया था। क्योंकि यह भ्रष्टाचार कम नहीं बल्कि करीब 300 करोड़ के लगभग था और लगभग ढाई लाख अपात्र लोगों को किसान सम्मान निधि का सीधा फायदा पहुंचाया गया था। अब यह अपात्र नाम सही थे या काल्पनिक यह तो जांच के बाद ही पता लग पायेगा मगर यह नाम अगर काल्पनिक थे तो यह पैसा किसकी जेब में गया। अगर इसकी विस्तृत जांच की जाए तो कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं। जिलाधिकारी के आदेश पर उपजिलाधिकारी फतेहपुर ने जब जांच की तो दो जनसेवा केन्द्र संचालक जो बेरोजगारी भत्ते के नाम पर किसान सम्मान निधि में पंजीकरण करने वाले अमित कुमार वर्मा, लक्ष्मी नारायण शुक्ल को दोषी पाया और उनपर मुकदमा पंजीकृत कराया। कुछ भी हो यह मामला बड़ा है और अगर इसकी तह तक जांच हुयी तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।