कोरोना रिपोर्ट थी पॉजिटिव जानकारी के मुताबिक बेनी प्रसाद वर्मा के पुत्र दिनेश वर्मा भंडारण निगम में बाबू के पद पर कार्यरत थे और किडनी और लिवर की समस्या के चलते लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। 2007 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। उनकी माता ने उन्हें किडनी डोनेट की थी। समय समय पर उसी के इलाज के लिए वह दिल्ली जाते थे। इधर कॉरोना काल में लखनऊ में पहली बार दिनेश वर्मा की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद वह मेडिकल कालेज में भर्ती हुए। जहां इलाज के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव हो गई। फिर वह इलाज के लिए दिल्ली एस्कार्ट हॉस्पिटल में किडनी लिवर के चल रहे इलाज के लिए भर्ती हुए। लेकिन वहां उनकी कॉरोना की सैंपल रिपोर्ट दोबारा पॉजिटिव आ गई और मंगलवार दोपहर उनकी मौत हो गई।
लॉकडाउन में हुई थी बेनी की मौत गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान 27 मार्च को ही बेनी प्रसाद वर्मा की भी मौत लंबी बीमारी के बाद हो गई थी। बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के संस्थापक और देश के दिग्गज नेताओं में शुमार किये जाते थे। वह समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद थे और उत्तर प्रदेश के कुर्मी समाज के सर्वमान्य नेता माने जाते थे। यूपीए 2 सरकार में बेनी प्रसाद वर्मा केन्द्रीय इस्पात मंत्री थे। वे सपा संस्थापक मुलायम सिंह के बेहद करीबी भी थे।