वन विभाग का गैरजिम्मेदाराना रवैया मामला बाराबंकी जनपद के थाना जहांगीराबाद के कबीरपुर गांव का है। जहां पिछले लगभग 15 दिन से एक खूंखार तेंदुआ और उसके दो शावक अपना डेरा जमाए हुए हैं। ग्रामीणों की अगर मानें तो तेंदुए की भनक लगते ही उन लोगों ने वन विभाग को इसकी जानकारी दी, तो वन विभाग के अधिकारियों ने उल्टे ग्रामीणों को धमकाते हुए कहा कि तेंदुए को कुछ नहीं होना चाहिए। अगर उसे कुछ हुआ तो मुकदमा हो जाएगा और उनकी एक दो बीघा जमीन भी बिक जाएगी। तेंदुए की आमद से तो ग्रामीण दहशत में थे ही, अब वन विभाग के अधिकारियों की धमकी से और भी भयभीत हो गए हैं।
ग्रामीण दे रहे हैं पहरा ग्रामीणों की अगर मानें तो वह रातों को लाठी और डंडा लेकर पहरा देते हैं। बच्चों की पढ़ाई के समय स्कूल के अध्यापक भी डर के मारे गेट बन्द करके बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग की ओर से गांव के बाहर एक पिंजड़ा रखा गया है। मगर उसमे तेंदुए को फंसाने के लिए कोई बकरी आदि भी नही बाँधी गयी है। पिंजड़ा जो रक्खा भी गया है वह गलत दिशा में रखा गया है। जिस तरफ से तेंदुए की आवाजें आ रही हैं, उधर कोई भी पिंजड़ा नहीं रखा गया है।
तेंदुए के हमले से महिला घायल तेंदुए के हमले से बाल-बाल बची गांव की महिला रामकली ने बताया कि तीन दिन पूर्व वह अपने घर के बाहर चारपाई पर मच्छरदानी लगा कर सो रही थी। रात के समय तेंदुए ने उसके ऊपर हमला बोल दिया, लेकिन मच्छरदानी की वजह से उसे गम्भीर चोट नहीं आई। मगर तेंदुए के पंजे उसके हाथों को जख्मी कर गए। तब से पूरे गांव में दहशत का माहौल है और रात भर ग्रामीण जाग-जाग कर पहरा देते हैं। पूरा गांव दहशत के साये में है और तेंदुए के पकड़े जाने की प्रार्थना कर रहा है। रात को तेंदुए की आवाजें और दिन में उनके पगचिन्ह से लोगों की रूह कांप रही है।