काटकर चढ़ा दी अपनी गर्दन आपको जानकर हैरानी होगी कि आज 21वीं सदी में भी तंत्र-मंत्र और बलि जैसे अंधविश्वास के काम बदस्तूर जारी हैं। बीते दिनों बाराबंकी जिले के ही रामनगर थाना क्षेत्र से एक मामला सामने आया था। जहां तांत्रिक के कहने पर 24 उंगलियों वाले लड़के की उसके ही रिश्तेदार बलि चढ़ाना चाहते थे। हालांकि समय पर पुलिस की कार्रवाई से उसकी जान तो बचा ली गई लेकिन वहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक युवक ने खुद गर्दन काटकर अपनी बलि चढ़ा दी। ताजा मामला बाराबंकी जिले के कोटवाधाम का है। जहां अनिरुद्ध यादव नाम के युवक ने अपनी बलि चढ़ा दी। अनिरुद्ध यादव मंदिर पर अपनी गर्दन काट ली, जिसके बाद वहीं उसकी तड़प-तड़पकर मौत हो गई। अनिरुद्ध यादव दरियाबाद थाना क्षेत्र में उड़वा गांव का रहने वाला था।
रोज आता था मंदिर मृतक के पिता ने बताया कि मृतक अनिरुद्ध यादव बीते एक साल से देवी मंदिर में पूजा करने के लिए आता था। उन्होंने बताया कि एक साल व्रत रहनेके बाद उसने गांव में भंडारा भी कराया था। पिता ने बताया कि आज वह मंदिर आया और अपनी गर्दन काट ली। गर्दन काटने के बाद जब वह तड़प-तड़पकर चिल्लाने लगा तो मेंदिर के बाबा और दूसरे लोगों ने उसे देखा। फिर वह लोग उसे उठाकर मंदिर के बाहर लाए।
बलि चढ़ाते हुए लोगों ने देखा वहीं इस मामले में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह जानकारी मिली की 18-19 साल के अनिरुद्ध यादव नाम के एक लड़के ने अपनी गर्दन काटकर मंदिर में बलि दे दी। लड़का बीए की पढ़ाई कर रहा था। जानकारी के मुताबिक लड़का रोज मंदिर में पूजा करने के लिए जाया करता था। एसपी ने बताया कि लोगों ने उसे बलि देते हुए देखा साथ ही वहीं पर हथियार भी बरामद हुआ है। वीपी श्रीवास्तव के मुताबिक गांव वाले लड़के के पोस्टमार्टम के लिए तैयार नहीं हैं। इसलिए मैंने एडिश्नल एसपी को मौके पर भेजा है। जिससे वह पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो जाएं। उन्होंने बताया कि अगर गांव वाले नहीं मानेंगे तो शव का पंचनामा करवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।