बाराबंकी जनपद के थाना रामसनेही घाट इलाके से होकर गुजरने वाले अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर कल एक हादसे में 18 लोगों की दुखद मृत्यु हो गयी और दर्जनों गम्भीर रूप से घायल हो गए थे।
फरवरी में ही रद्द हो चुका था बस का परमिट, कुल 32 चालानों में से पिछले साल एक बाराबंकी में भी हुआ
बाराबंकी. बाराबंकी बस हादसे में 18 लोगों का मौत का कारण बनने वाली बस की परत दर परत कमियां खुलती जा रही हैं। यह बस यूपी के रामपुर जिले में रजिस्टर्ड थी और इसी वर्ष रजिस्ट्रेशन का ट्रांसफर सीवान जिले में हुआ था। इस बस की सबसे बड़ी कमी यह थी कि इसका परमिट इसी वर्ष फरवरी माह में समाप्त हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद यह बस एक राज्य से दूसरे राज्य की सड़कों पर फर्राटा भर रही थी। जांच में इसकी कमियों की कड़ी खुलती जा रही है।
अब तक 32 बार चालान विभाग की जांच में जब इसकी कमियों का खुलासा हुआ तो सबकी आंखें खुली रह गईं। जांच में जो सामने आया उसमें सबसे जरूरी बात यह थी कि इस बस का अब तक 32 बार चालान हो चुका है, जिसमें से एक चालान पिछले साल बाराबंकी में भी हुआ था। साथ ही इस बस का परमिट 5 महीने पहले यानी 24 फरवरी 2021 में ही खत्म हो चुका था। इसके बावजूद यह बस राज्य दर राज्य हाईवे पर फर्राटा भर रही थी। 1 अक्टूबर 2014 में इस बस का रजिस्ट्रेशन यूपी के रामपुर जिले से हुआ था, जिसे बाद में इसी वर्ष 21 मार्च 2021 में यह बस बिहार के सीवान में ट्रांसफर करा लिया गया था। यह बस मूलतः बिहार के सीवान में रजिस्टर्ड हुई थी, जबकि इसका मालिक महाराजगंज जिले का रहने वाला था। इस बस का नम्बर UP22-T-7918 है। अभी जांच जारी है और न जाने कितने पेंच इस बस के संचालन में सामने आएंगे।
18 लोगों की हुई मौत बाराबंकी जनपद के थाना रामसनेही घाट इलाके से होकर गुजरने वाले अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर कल एक हादसे में 18 लोगों की दुखद मृत्यु हो गयी और दर्जनों गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। इस घटना पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्री ने भी गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। कल सभी शवों को उनके परिजनों को और घायलों सहित अन्य लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बाद आज प्रशासन हरकत में आया और अपनी कार्रवाई शुरू कर दी।