जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व नोडल डा राजीव सिंह ने जनपद में उक्त अभियान के तहत तीसरे चरण में 4411 बच्चों एवं 512 गर्भवती महिलाओं चिन्हित किया गया था। जिसमें लक्ष्य के सापेक्ष कुल 4512 बच्चों तथा 615 महिलाओं का टीकाकरण किया गया। इस अभियान की शुरुआत सिद्धौर के सादुल्लापुर में सीएमओ रमेश चंद्र ने बच्चों का टीकाकरण करके की। अभियान के दौरान जिले के विकास खण्ड सिद्धौर, सूरतगंज, फतेहपुर, घुंघटेर व रामनगर के अलावा नगर पालिका परिषद नवाबगंज शामिल रहा। अभियान के दौरान कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 167 स्वास्थ्य टीमें पूरी तरह से गतिशील रही।
डीर्डओ ने कहा अभियान के दौरान ईट- भट्ठों और निर्माण साइटों पर रहने वाले परिवारों के टीकाकरण पर जोर दिया गया। क्योंकि इन दोनों स्थानों पर रहने वाले परिवार एक से दूसरे जगह स्थानांतरित करते रहते हैं। इसलिए सामान्य अभियान के दौरान इनके छूटे जाने की आशंका बनी रहती है। टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को अभियान के तहत ग्यारह तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए गए।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यदि बच्चों का टीकाकरण समय से किया जाए तो बच्चे जीवन भर स्वस्थ और खुशहाल रहेंगे। बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि वर्ष 2020 तक सभी बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगे हैं। इस अभियान का चौथा व अंतिम चरण दो मार्च से चलाया जाएगा।