मालूम हो कि बाराबंकी के थाना मोहम्मदपुर खाला के बेलहरा कस्बे में विजया दशमी के दिन मूर्ति विसर्जन के रास्ते को लेकर स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच विवाद हो गया था। स्थानीय लोगों का आरोप था कि बाराबंकी जिला प्रशासन ने जानबूझ कर मूर्तियों का रास्ता रोका, जब रास्ते को लेकर इलाके की सभी मूर्तियां रोक दी गईं, तब आधी रात को सोये हुए युवा, महिलाओं और बच्चों पर पुलिस ने बड़ी बेरहमी से लाठियां बरसाईं थीं और फिर रुकी हुई सभी मूर्तियों को एक छोटे से पिकअप वाहन में भरकर उनका जबरन विसर्जन स्वयं ही कर दिया। लोगों का आरोप था कि इस दौरान पुलिस ने मूर्तियों को खण्डित करने का काम किया। इस घटना के बाद बाराबंकी की सांसद प्रियंका सिंह रावत ने पूरे घटनाक्रम की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की थी।
जांच टीम ने आज मौके पर पहुंचकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। भाजपा सांसद प्रियंका सिंह रावत ने मौजूद सीओ, एडीएम, एसडीएम व एएसपी को जमकर खरी खोटी सुनाई और इस पूरी घटना के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार बताया। जांच टीम के सदस्य व भाजपा एमएलए राम नरेश रावत ने प्रशासनिक हठधर्मिता की वजह से ही मामला बढऩा बताया और इसी वजह से ही हिन्दू धर्म की भावनाएं आहत हुईं। जांच टीम के सदस्यों द्वारा जांच करते समय सभी अधिकारियों के चेहरे पर हवाइयां उड़ी रहीं। जांच टीम अपनी रिपोर्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्रनाथ पांडेय को सौंपेगी। भाजपा विधायक नीरज बोरा ने कहा, यहां मुस्लिम समाज का विरोध नहीं था। प्रशासन के लोगों ने जबरदस्ती यहां एक माहौल बनाया और शान्ति व्यवस्था जबरन दूषित करने का भी काम किया, इसलिए और ज्यादा शासन दोषी है। क्योंकि यहां जबरदस्ती लोगों को बांटने का काम किया गया है इसलिए निश्चित रूप से हम इसकी शिकायत दर्ज करेंगे और जो दोषी है, उन पर उचित कार्रवाई होगी।