नरेश टिकैत ने राजनाथ सिंह को बताया पिंजरे का तोता, कहा- अगर सरकार उनको दे आजादी, तो ससम्मान हो जाएगा फैसला
केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने उन्हें पिंजरे का तोता बना दिया है। अगर सरकार राजनाथ सिंह को बात करने की आजादी दे, तो हमारी गारंटी है कि फैसला हो जाएगा।

बाराबंकी. पंजाब और हरियाणा से शुरू हुए किसानों के आंदोलन को अब तीन महीने बीत चुके हैं। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान सरकार से कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी तक फैले आंदोलन की आंच अब अवध और पूर्वांचल में भी पहुंच रही है। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) आज यूपी के बाराबंकी में भी किसान महापंचायत कर रही है। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी शामिल हुए हैं। महापंचायत में तमाम मुद्दों को लेकर नरेश टिकेत ने सरकार और भाजपा पर निशाना भी साधा है। इसके अलावा केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने उन्हें पिंजरे का तोता बना दिया है। अगर सरकार राजनाथ सिंह को बात करने की आजादी दे, तो हमारी गारंटी है कि फैसला हो जाएगा। लेकिन यह सरकार जिद्दी है, सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और अपना रवैया बदलना चाहिए।
राजनाथ सिंह को बताया पिंजरे का तोता
बाराबंकी के हैदरगढ़ रोड स्थित हरख चौराहे पर आज किसान महापंचायत कर रहे हैं। किसान महापंचायत में बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत भी शामिल हुए हैं। बाराबंकी में तीनों कृषि सुधार कानून की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाया जाना किसानों की महापंचायत का मुख्य मुद्दा है। महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बारे में बात करतेे हुए कहा कि सरकार ने उन्हें पिंजरे का तोता बना दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार राजनाथ सिंह को किसानों से बात करने की आजादी दे तो उनकी गारंटी है कि सारी समस्या का हल निकल आएगा। पूरे सम्मान से फैसला हो जाएगा और भाजपा की भी साख बची रह जाएगी। किसान राजनाथ सिंह का सम्मान करते हैं। लेकिन राजनाथ सिंह को मौका केंद्र सरकार की तरफ से नहीं दिया जा रहा है।
पूरे पूर्वांचल में होगी महापंचायत
नरेश टिकैत ने कहा कि पूर्वांचल का रास्ता बाराबंकी से खुलता है। ये पूर्वांचल की सफलता का द्वार है, इसलिए इसे खोलना बहुत जरूरी है। जब यहां का किसान अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होगा तभी वह पूर्वांचल के किसानों को तीनों काले कानूनों के खिलाफ जागरुक करने में सफल होगा। हम इस तरह की पंचायतें पूरे पूर्वांचल में करने जा रहे हैं। हर जिले में हमारी महापंचायत होगी। इसमें किसानों को जागरुक कर यह बताने का कार्य करेंगे कि ये तीनों कानून किस तरह से आने वाले दिनों में हमें अपना गुलाम बना लेंगे।
अब नहीं चलेगी कोई चाल
मुस्लिमों के मुद्दे पर नरेश टिकैत ने कहा कि पहले हिंदू और मुस्लिम एक साथ प्रेम से रहते थे। कोई किसी का विरोध नहीं करता था, लेकिन साल 2013 से भाजपा वालों ने मुसलमानों को लेकर काफी भ्रांतियां फैला दीं। मुसलमानों को लेकर सभी के मन में फूट डलवा दिया। लेकिन अब लोगों को इनकी चाल समझ में आ रही है। इसीलिए अब इनकी दाल नहीं गलने वाली। ये सरकार किसानों को भी आतंकवादी, खालिस्तानी बताकर बदनाम कर रही है। किसानों को बदनाम करने की कोशिश की जाएगी, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
सरकार हमारे साथ नहीं
संजीव बालियान के मुद्दे पर नरेश टिकैत ने कहा कि वो सरकार में हैं इस कारण विरोध नहीं कर सकते हैं। वो न मेरा विरोध कर रहे हैं न मैं उनका विरोध कर रहा हूं। वो भी तो परेशान हैं, उन्हें भी तो विरोध झेलना पड़ रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमलोगों ने बीजेपी को वोट दिया था। कई बीजेपी के लोग हमारे साथ हैं। लेकिन मंत्रिमंडल में बैठे लोग हमारे साथ नहीं हैं। नरेश टिकैत ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री कानून वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं तो किसान भी वापस हटने के लिए तैयार नहीं है।
बर्बाद हो चुका है किसान
नरेश टिकैत ने आगे कहा कि किसान भुखमरी की कगार पर पहुंच चुका है। किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है, उसे अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। बिजली की कीमतें बढ़ रही हैं, हर दिन पेट्रोल-डीजल के दाम भी बढ़ रहे हैं। सरकार को अपना रवैया बदलना चाहिए। अगर थोड़े बहुत दिन और अगर यह सरकार रहेगी तो किसानों को अपनी खेती से हाथ धोना पड़ेगा।
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