खुले में टॉयलेट जाना मजबूरी एक तरफ स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर-घर में शौचालय बनाए गए हैं ताकि बेटियों को शर्मसार न होना पड़े। वहीं दूसरी तरफ जिले के कई सरकारी स्कूलों में रोज बेटे-बेटियों को शर्मसार हाेना पड़ता है। स्थिति यह है कि जिले कई परिषदीय स्कूलों में सुविधाओं का हाल बेहाल है। स्कूल में बिजली और शुद्ध पानी की व्यवस्था होना तो दूर सालों से शौचालय तक नहींं बने हैं। जिसके चलते स्कूली बच्चों का खुले में टॉयलेट जाना मजबूरी है। साथ ही टीचरों को भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। कुछ ऐसा ही मामला बाराबंकी में बनीकोडर ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शाहपुर मुरारपुर से भी सामने आया है। जहां अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से तकरीबन 10 सालों से अब तक शौचालय नहीं बन पाया। जिसके चलते विद्यालय के बच्चे और टीचर टॉयलेट के लिए विद्यालय के बाहर खेत में जाते हैं।
होती है काफी परेशानी स्कूल की छात्रा लक्ष्मी साबू से जब पूछा गया कि उसने बताया कि पास के खेत में वह टॉयलेट जाती है। स्कूल की शिक्षिका अनामिका श्रीवास्तव ने भी अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि विद्यालय में न तो शौचालय है और न ही बाउंड्री। जिसके चलते बच्चों को तो परेशानी होती ही है, लेकिन साथ ही उन्हें काफी दिक्कत झेलनी पड़ती है। ऐसे में मजबूरी में हम लोगों को बाहर ही जाना पड़ता है।
ग्राम पंचायत बनवाएगी शौचालय वहीं बनीकोडर के खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह का कहना है कि विद्यालय के शौचालय विहीन होने की बात उनके संज्ञान में है। इस बात की सूचनी विभागीय अधिकारी को भी दी जा चुकी है। लेकिन विद्यालय के मेंटीनेंस को लेकरकोई बजट न आने के चलते विभाग ने इस काम को ग्राम पंचायत से कराने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद मैंने ग्राम पंचायत को प्रस्ताव भी भेज दिया है। इस संबंध में बीडीओ से भी मेरी बात हो चुकी है, जल्द से जल्द विद्यालय में शौचालय बनवा दिया जाएगा।
जल्द बनेगा शौचालय वहीं इस समस्या पर दरियाबाद विधानसभा सीट से विधायक सतीश शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से शौचालय निर्माण का काम बहुत तेजी से चल रहा है। जहां तक बात विद्यालय में शौचालय न होने की है, तो उसे लेकर मैं सख्त निर्देश दूंगा। जिससे वहां जल्द से जल्द शौयालय बन सके।