फरिश्तों के आने की आहट में कफन पहनकर बैठे बाराबंकी जिले में आने वाला सफदरगंज थाना क्षेत्र में हलचल उस वक़्त मच गई जब बुजुर्ग ने अपनी मौत की दिन, तारीख और समय तक लोगो को बता दी। बाराबंकी जिले के ग्राम नूरगंज में रहने वाले 109 साल के बुजुर्ग मोहम्मद शफी ने ऐसी घोषणा करके हर किसी को चौंका दिया। दिन-रात खुदा की इबादत में डूबे रहने वाले मोहम्मद शफी ने खुद अपने रिश्तेदारों और पूरे गाँव में रहने वालों को पैगाम भेजकर बताया था। कि उनकी फरिश्तों से बात हो गई है। दोपहर एक बजकर 10 मिनट पर उनकी मौत हो जाएगी। जिसके बाद यह खबर जंगल में आग की तरह फैली और लोगों का आना-जाना शुरू हो गया। मोहम्मद शफी ने अपनी देखरेख में ही गांव के कब्रिस्तान में कब्र खुदवाई और बाकायदा नहा-धोकर कफन पहनकर घंटों तक अपनी मौत का इंतजार करता रहा।
बुजुर्ग मोहम्मद शफी ने खुदवाई कब्र, अधिकारी भी करते रहे मौत का इंतज़ार फरिश्तों के आने की संभावनाओं के बीच बाकायदा कब्र खुदवाई गई और बुजुर्ग खुद गुस्ल और कफन पहनकर बैठ गया। लोग घंटों निगाहें लगाए देखते रहे कि रूह कैसे निकलती है। वहीं लोगों की भावनाओं को देखते हुए बाराबंकी पुलिस और प्रशासन के लोग भी इंतजार करते रहे। लेकिन तय समय निकल जाने के बाद न मौत का फरिश्ता आया, न बुजुर्ग की मौत हुई। तब पुलिस-प्रशासन ने किसी तरह बुज़ुर्ग को समझा कर वापस घर भेजा।
5 वक़्त की नमाज पढ़ते हैं इसलिए होती है फरिश्तों से बात वहीं खुद की संभावित मौत का तमाशा बनाने वाले मोहम्मद शफी ने बताया कि वह 5 वक्त की नमाज पढ़ते हैं और हमारी फरिश्तों से रोज मुलाकात होती है। उन्होंने बताया है कि 5 साल पहले भी उनकी मौत होने वाली थी लेकिन नहीं हुई, अब दोबारा मौत को लेकर फरिश्तों से बात हुई, लेकिन इस बार भी नहीं हुई। वहीं बुजुर्ग के लड़कों ने बताया कि उनके पिता का मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता है, सुबह ही खुद कब्र खुदवाकर और कफन पहनकर कब्रिस्तान आ गये। मौत की भविष्यवाणी को लेकर काफी नाते रिश्तेदार आ गये थे।