बाराबंकी

शराब की दुकान खुलने से शराबी खुश, बोले- अब भाग जाएगा कोरोना, अब खोलें देसी शराब की भी दुकानें

कुछ शराब के शौकीनों को इस बात का मलाल है कि सिर्फ अंग्रेजी शराब की दुकानें ही खुली हैं, जो काफी महंगी है। अगर देसी शराब की दुकानें भी खुल जाएं, तो गरीब आदमी भी राहत महसूस करे।

बाराबंकीMay 12, 2021 / 03:28 pm

नितिन श्रीवास्तव

शराब की दुकान खुलने से शराबी खुश, बोले- अब भाग जाएगा कोरोना, अब खोलें देसी शराब की भी दुकानें

बाराबंकी. जनपद बाराबंकी में शराब की दुकानें खुल गयीं। इन शराब की दुकानों के खुलने से लोग इस कदर उत्साहित हो गए कि वह भूल गए कि कोरोना की महामारी चल रही है और इससे सभी को बचाव करना चाहिए। कोरोना से बचाव का सबसे कारगर साधन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना तो दूर शराब की दुकानों पर सभी उसकी धज्जियां उड़ाते नजर आए। लोगों का कहना है कि शराब की दुकान खुलने से कोरोना भाग जाएगा और स्थिति सामान्य हो जाएगी।
अब भाग जाएगा कोरोना

बाराबंकी मुख्यालय पर कतारों में एक दूसरे से सटकर खड़े दिखाई दे रहे यह लोग किसी मंदिर का प्रसाद लेने के लिए नहीं खड़े हुए, बल्कि इन सभी लोगों के मन में एक ही धुन है कि जल्द से जल्द उनके हाथो में शराब की बोतल आ जाये। इस धुन के लिए यह लोग भूल गए कि यह दौर महामारी का है और इससे बचाव करना उनकी जिम्मेदारी है। सरकार ने जहां लोगों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाने के लिए कहा, वहीं यह शराब के शौकीन लोग आधा फीट की दूरी का भी पालन करने को तैयार नहीं थे। इन लोगों का कहना है कि सरकार ने शराब की दुकान खुलवा कर काफी अच्छा काम किया है। इससे गांजा, अफीम, भांग और चरस की ओर भाग रहा आदमी फिर शराब की तरफ मुड़ जाएगा और स्थितियां जल्दी ही सामान्य हो जाएंगी। शराब के सेवन से उन्हें रात में अच्छी नींद और दिन में ज्यादा काम करने में बल मिलेगा।
खोली जाएं देसी शराब की भी दुकानें

जब हमने शराब के शौकीनों से बात की तो उन लोगों ने बताया कि शराब की दुकान खुलवाकर सरकार ने काफी अच्छा काम किया है। इससे स्थितियां जल्दी सामान्य हो सकेगी। दुकानों के खुल जाने से ही उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है और इसके सेवन से और सब अच्छा हो जाएगा। वहीं कुछ लोगों ने बताया कि कोरोना को भगाने का शराब एक कारगर तरीका है, इसीलिए सरकार ने दुकानें खोलने का आदेश पारित किया है। वहीं कुछ शराब के शौकीनों को इस बात का मलाल है कि सिर्फ अंग्रेजी शराब की दुकानें ही खुली हैं, जो काफी महंगी है। अगर देसी शराब की दुकानें भी खुल जाएं, तो गरीब आदमी भी राहत महसूस करे।
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